चेन्नै टेस्ट शुरू हो गया है. उम्मीद के मुताबिक, विकेट बल्लेबाजों के ही अनुकूल है और पहले दिन का खेल खत्म होने तक 263रन पर महज तीन विकेट गिरे हैं. हां, पहला दिन दो लोगों के नाम रहा. इन दो में से एक रहे इंग्लैंड के कप्तान जोए रूट, जो अपना सौंवा टेस्ट मैच खेल रहे थे.
सौवें टेस्ट मैच को उन्होंने वैसे ही यादगार बनाया जैसे उनसे पहले कॉलिन काउड्रे, जावेद मियांदाद, गॉर्डन ग्रीनिज, एलेक स्टीवर्ट, इंजमाम-उल-हक, रिकी पोंटिंग, ग्रीम स्मिथ और हाशिम अमला बना चुके हैं. यानी अपने सौवें टेस्ट में शतक ठोंकना. रिकी पोटिंग ने तो अपने सौवें टेस्ट की दोनों पारियों में सैकड़ा कूटा था. वह 2006का साल था और तब पोंटिंग ने दक्षिण अफ्रीका को दोनों पारियों में शतक मारकर झिला दिया था.
बहरहाल, रूट ऐसे नवें खिलाड़ी हैं जिन्होंने सौवें टेस्ट में परचम फहराया. रूट ने अपना शतक 164गेंदों पर 12चौकों की मदद से पूरा किया.
लेकिन रूट ने एक बड़ा काम और किया. वह ऐसे पहले क्रिकेटर हैं जिनने अपने 98वें, 99वें और 100वें टेस्ट मैचों में लगातार रनों का अंबार और शतक बनाया है. उन्होंने पिछले दो शतक श्रीलंका के दौरे पर पिरोए थे. लेकिन रिकॉर्ड की किताबों का काम पूरा नहीं हुआ है. रूट दुनिया के ऐसे तीसरे क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपना पहला और एक सौवां टेस्ट एक ही देश के खिलाफ खेला है. आपको याद हो न हो, रूट ने 2012में नागपुर टेस्ट में भारत के खिलाफ टेस्ट कैप पहना था.
वैसे इस मामले में वेस्ट इंडीज के कार्ल हूपर और अपने कपिल देव भी अपना पहला और सौवां टेस्ट मैच एकही देश के खिलाफ खेल चुके हैं.
पर इस लेख के शुरू में लिखा गया था कि चेन्नै टेस्ट के पहले दिन दो लोग चर्चा में रहे. बेशक, पहले शख्स जो रूट रहे जिनके बारे में चर्चा हो ही गई है. दूसरे खिलाड़ी रहे, अपने ऋषभ पंत.
पूरे दिन भर वह अश्विन को विकेट के पीछे से सलाह देते रहे. उन्होंने अश्विन को सलाह दी थी कि वह बाएं हाथ के बल्लेबाज बर्न्स को ऑफ स्टंप के बाहर गेंद डालें, जिससे कि वह रन बनाने के लिए जाएं. पंत विकेट के पीछे से अश्विन को कहते सुने गए, 'इधर से डालों इधर से बढ़िया है, उधर से फंसेगा तो मजा आएगा.'
स्टंप माइक से यह बात दर्शकों ने सुनी और फिर क्या था, ऋषभ पंत सोशल मीडिया पर दिन भर फैन्स के लिए मीम का विषय बनते रहे.
बहरहाल, अब कल भी विकेट आसान ही रहेगा और तीसरे दिन से इसमें टूटन शुरू होगी और दरारें बनेंगी, तो बल्लेबाजी में मुश्किल आएगी. और याद रहना चाहिए कि चौथी पारी भारत को खेलनी है.