आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
फैंटेसी स्पोटर्स कंपनी ड्रीम 11 अब भारतीय क्रिकेट टीम की टाइटल प्रायोजक नहीं है और बोर्ड ने उसके विकल्प की तलाश शुरू कर दी है लेकिन यह अगले महीने एशिया कप से पहले होने की संभावना नहीं है.
हाल ही में पारित ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025’ के तहत सरकार के वास्तविक धन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के बाद ड्रीम11 अब भारतीय क्रिकेट टीम का टाइटल प्रायोजक नहीं है.
बीसीसीआई सचिव देवाजीत सैकिया ने इसकी पुष्टि की कि ड्रीम11 के साथ करार खत्म हो गया है और बीसीसीआई विभिन्न राष्ट्रीय टीमों के लिये नये टाइटल प्रायोजक की तलाश की प्रक्रिया में है.
सैकिया ने पीटीआई से कहा ,‘‘ हमारा रूख स्पष्ट है . नियम बनने के बाद बीसीसीआई ड्रीम 11 या अन्य गेमिंग कंपनी के साथ प्रायोजन करार नहीं रख सकती । नये नियम के तहत अब इसकी कोई गुंजाइश ही नहीं है.
उन्होंने कहा ,‘‘ इसलिये हम दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं और प्रक्रिया जारी है . हम प्रायोजक की तलाश में है और अभी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है । कुछ तय होने पर हम मीडिया को जानकारी देंगे.
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें वास्तविक धन की गेमिंग का चलन काफी बढ़ गया है.भारतीय टीम का टाइटल प्रायोजक ड्रीम 11 था और इंडियन प्रीमियर लीग का आधिकारिक फैंटेसी स्पोर्ट्स भागीदार वास्तविक धन वाला ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ‘माई11 सर्कल’ है.
ड्रीम 11 ने भारतीय टीम के टाइटल अधिकार लगभग 44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 358 करोड़ रुपये) में खरीदे थे. उनका करार खत्म होने में अभी एक साल बाकी है लेकिन इसके लिये उन्हें कोई दंड नहीं लगाया जायेगा.
बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा ,‘‘ बीसीसीआई अपने प्रायोजक ही परेशानी को पूरी तरह समझता है। यह उनकी गलती नहीं है और भुगतान में चूक के अन्य मामलों की तरह ड्रीम11 पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। यह एक सरकारी नियम है और इसका पूरा पालन ज़रूरी है और मौजूदा हालात में उनके कारोबार पर असर पड़ेगा.