आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
पूर्व भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने अपने टेस्ट करियर के कुछ पहलुओं पर विचार करते हुए सोमवार को कहा कि यह प्रारूप चुनौतीपूर्ण और थका देने वाला है लेकिन उन्होंने अपनी तैयारी पर ध्यान देकर खुद को टेस्ट क्रिकेट में खेलने के लिए तैयार किया.
रोहित ने इस साल मई में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इस 38 वर्षीय बल्लेबाज ने 67 टेस्ट मैच में 40.58 की औसत से 4301 रन बनाए। उन्होंने इससे एक साल पहले टी20 विश्व कप जीतने के बाद क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप से संन्यास ले लिया था.
रोहित ने यहां एक पैनल चर्चा के दौरान कहा, ‘‘यह ऐसी चीज है जिसके लिए आपको तैयारी करनी होती है, क्योंकि इस खेल में आपको लंबे समय तक मैदान पर रहना होता है विशेष कर टेस्ट क्रिकेट में, जिसमें आपको पांच दिन तक खेलना होता है. मानसिक रूप से यह बहुत चुनौतीपूर्ण होता है और थका देने वाला भी। लेकिन सभी क्रिकेटर प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते हुए ही बड़े हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम प्रतिस्पर्धी स्तर पर क्रिकेट खेलना शुरू करते हैं, यहां तक कि मुंबई में भी क्लब क्रिकेट के (मैच) दो दिन (या) तीन दिन तक चलते हैं, इस तरह से हम छोटी उम्र से ही इसके लिए तैयार रहते हैं। इससे आपके सामने आने वाली परिस्थितियों का सामना करना थोड़ा आसान हो जाता है.
रोहित ने कहा कि सभी युवा खिलाड़ी अपने करियर की शुरुआत में अच्छी तैयारी के महत्व को नहीं समझते हैं, लेकिन वे धीरे-धीरे इसका महत्व समझने लगते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप बहुत छोटे होते हैं, तो आप तैयारी के महत्व को नहीं समझते। लेकिन जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, आपको समझ आता है कि यह आपको एक प्रकार का अनुशासन देता है जिसकी खेल में मांग होती है, इसलिए इसकी शुरुआत तैयारी से होती है, यह समझने से कि आपको वास्तव में क्या करने की जरूरत है.
रोहित ने कहा, ‘‘जब आप सबसे लंबे प्रारूप में खेल रहे होते हैं तो इसमें काफी कुछ करना पड़ता है और एकाग्रता ही सबसे महत्वपूर्ण चीज है, क्योंकि आप बहुत अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे होते हैं और उसके लिए मानसिक रूप से तरोताजा होना जरूरी है.