गुमी (दक्षिण कोरिया)
भारत ने 26वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दमदार प्रदर्शन करते हुए कुल 24 पदकों के साथ अपना अभियान समाप्त किया. अंतिम दिन भारतीय एथलीट स्वर्ण पदक तो नहीं जीत सके, लेकिन 3 रजत और 3 कांस्य पदक हासिल कर देश का परचम बुलंद रखा.
पारुल चौधरी ने महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में 15:15.33 सेकंड का समय लेकर रजत पदक जीता. इससे पहले वे 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में भी रजत जीत चुकी थीं.
सचिन यादव ने भाला फेंक में 85.16 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत पदक हासिल किया. वे पाकिस्तान के ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम (86.40 मीटर) से पीछे रहे.
महिला 4x100 मीटर रिले टीम — अभिनया राजराजन, स्नेहा एसएस, श्राबनी नंदा और नित्या गंधे — ने 43.86 सेकंड में रेस पूरी कर रजत पदक जीता.
अनिमेष कुजूर ने पुरुषों की 200 मीटर दौड़ में 20.32 सेकंड का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाते हुए कांस्य पदक जीता. यह उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
विथ्या रामराज ने महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में 56.46 सेकंड के समय के साथ कांस्य पदक जीता.
पूजा ने महिलाओं की 800 मीटर रेस में 2:01.89 सेकंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकालकर तीसरा स्थान हासिल किया.
भारत ने कुल 24 पदक (8 स्वर्ण, 10 रजत, 6 कांस्य) के साथ प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया.
पहला स्थान: चीन (19 स्वर्ण, 9 रजत, 4 कांस्य)
तीसरा स्थान: जापान (5 स्वर्ण, 11 रजत, 12 कांस्य)
2017 में भुवनेश्वर में हुए संस्करण के बाद यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
यशवीर सिंह ने भाला फेंक में 82.57 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांचवां स्थान हासिल किया.
ज्योति याराजी महिलाओं की 200 मीटर रेस में 23.47 सेकंड के साथ पांचवें और नित्या गंधे 23.90 सेकंड के साथ सातवें स्थान पर रहीं. याराजी इससे पहले 100 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण जीत चुकी हैं.
अनु राघवन महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में सातवें स्थान पर रहीं.
कृष्ण कुमार और अनु कुमार ने पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में क्रमश: सातवां और आठवां स्थान हासिल किया.
बागपत (उत्तर प्रदेश) के खेकड़ा गांव से ताल्लुक रखने वाले सचिन यादव ने अपनी चोटों के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा,“मैं संतुष्ट नहीं हूं लेकिन पदक और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से कुछ संतोष जरूर मिला. अब पूरी ताकत से अभ्यास करूंगा और विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश करूंगा..”
अनिमेष कुजूर की तेजी से हो रही प्रगति ने भारतीय एथलेटिक्स को नई ऊर्जा दी है. भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के पूर्व अध्यक्ष आदिल सुमारिवाला ने उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ धावकों में से एक बताया.“अगर वह अपनी शुरुआत और बेहतर कर लें, तो उन्हें हराना बेहद मुश्किल होगा.”