बेंगलुरू जैसे ही जोश हेजलवुड ने फाइनल की आखिरी गेंद फेंकी, बेंगलुरू की सड़कों पर लाल रंग की जर्सी पहने फैंस का सैलाब उमड़ पड़ा। हर गली, हर चौराहे से सिर्फ एक ही नारा गूंज रहा था — "आरसीबी! कोहली! चैम्पियन!"
18 साल के लंबे इंतज़ार के बाद, पहली बार आरसीबी ने आईपीएल का खिताब अपने नाम किया और बेंगलुरूवासियों को वह सपना सच होते दिखा, जिसे वे हर साल आंखों में संजोते थे।
अब तक चेन्नई, मुंबई, कोलकाता और जयपुर जैसी शहरों में ट्रॉफी का जश्न मना जाता था, लेकिन बेंगलुरू हमेशा खाली हाथ रह जाता था। 3 जून की रात, ये शहर आखिरकार विजेता की खुशी से सराबोर हो उठा।
"ई साला कप नामदे" (इस साल कप हमारा होगा) का नारा अब बदल चुका है —
"ई साला कप नामुडु" (इस साल कप हमारा है)।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा,
"आपने कर्नाटक के हर नागरिक का सपना साकार किया। यह पूरी आरसीबी आर्मी के लिए भावुक क्षण है। कर्नाटक को आप पर गर्व है।"
आरसीबी के पूर्व कप्तान और दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने भी ट्वीट कर कहा,
"आरसीबी को बधाई। इतने लंबे इंतज़ार के बाद यह शानदार जीत बहुत खास है।"
शहर में बाइक और कारों के काफिले आरसीबी के झंडों और पोस्टरों के साथ घूमते नजर आए। हर ओर लाल रंग की रोशनी, गीत, नारे और ढोल की आवाज़ें गूंज रही थीं।
मानसून की हरियाली से ढका बेंगलुरू अब कुछ दिनों के लिए आरसीबी के लाल रंग में रंगा नजर आएगा — जश्न, गर्व और भावनाओं के साथ।