ब्रुक और रूट की शतकीय पारियों के बाद कृष्णा ने दिलाई भारत को वापसी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-08-2025
After Brook and Root's centuries, Krishna helped India come back
After Brook and Root's centuries, Krishna helped India come back

 

लंदन

ओवल टेस्ट में इंग्लैंड की शानदार शुरुआत के बावजूद भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने आखिरी सत्र में जबरदस्त वापसी कर मैच को रोमांचक मोड़ पर ला दिया। हैरी ब्रुक (98 गेंदों में 111 रन) और जो रूट (152 गेंदों में 105 रन) की बेहतरीन शतकीय पारियों ने इंग्लैंड को मज़बूत स्थिति में पहुंचा दिया था, लेकिन दिन के अंतिम सत्र में प्रसिद्ध कृष्णा (109 रन पर 3 विकेट) और मोहम्मद सिराज (95 रन पर 2 विकेट) ने धारदार गेंदबाज़ी कर भारत की वापसी कराई।

पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रही इंग्लैंड की टीम ने 374 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे दिन का खेल खत्म होने तक छह विकेट पर 339 रन बना लिए हैं। अब उसे जीत के लिए सिर्फ 35 रन की ज़रूरत है, जबकि भारत को चार विकेट की।

दिन के अंतिम सत्र में खराब रोशनी के कारण अंपायरों ने खेल रोक दिया और कुछ ही देर में तेज़ बारिश शुरू हो गई, जिसके चलते पिच को कवर कर दिया गया। उस समय जैमी स्मिथ दो रन पर और जैमी ओवरटन बिना खाता खोले क्रीज़ पर थे। शाम छह बजे अंपायरों ने दिन के खेल को समाप्त घोषित किया।

ब्रिटिश बल्लेबाज़ों ने शुरुआत में भारत के गेंदबाज़ों पर दबाव बनाने की कोशिश की, जिसमें हैरी ब्रुक का प्रदर्शन बेहद आक्रामक रहा। उन्होंने सिराज की गेंद पर 19 रन के स्कोर पर मिले जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए 14 चौके और 2 छक्कों की मदद से अपनी पारी को शतक में तब्दील किया। उन्होंने जो रूट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 195 रन की साझेदारी कर इंग्लैंड को मज़बूत स्थिति में ला खड़ा किया।

जो रूट ने श्रृंखला में लगातार तीसरा शतक पूरा करते हुए टेस्ट करियर का 39वां शतक जड़ा। अब वे टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक शतक लगाने वालों की सूची में चौथे स्थान पर आ गए हैं। उनसे आगे सिर्फ सचिन तेंदुलकर (49), रिकी पोंटिंग (41) और जैक कैलिस (45) हैं। रूट ने आकाशदीप की गेंद पर दो रन लेते हुए भारत के खिलाफ अपना 13वां टेस्ट शतक पूरा किया और फिर ग्रहैम थोर्प को श्रद्धांजलि देते हुए उंगली से आकाश की ओर इशारा किया। मैच का दूसरा दिन (1 अगस्त) इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज़ थोर्प को समर्पित किया गया था, जिनका पिछले साल मानसिक स्वास्थ्य से जूझते हुए निधन हो गया था।

इसके तुरंत बाद कृष्णा ने जैकब बेथल (5) को बोल्ड किया और फिर जो रूट को विकेट के पीछे कैच करा कर भारत को दो अहम सफलताएं दिलाई।

दूसरे सत्र में भारतीय गेंदबाज़ों पर थकान हावी दिखी और गेंद पुरानी होने के कारण उन्हें ज़्यादा मदद नहीं मिली। जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की स्पिन गेंदबाज़ी भी खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी। तेज़ गेंदबाज़ों ने ब्रुक और रूट के खिलाफ शॉर्ट बॉल रणनीति अपनाई, लेकिन बल्लेबाज़ों ने आसानी से उन्हें खेला।

ब्रुक ने शतक पूरा करने के बाद आकाशदीप की गेंद पर कवर ड्राइव में शानदार चौका जड़ा, जिससे भारत की हताशा और बढ़ गई। लेकिन दो गेंद बाद ही उन्होंने एक और बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की, जिसमें बल्ला उनके हाथ से छूट गया और गेंद सीधे सिराज के हाथों में चली गई।

ब्रुक जहां ताक़त से बल्लेबाज़ी कर रहे थे, वहीं रूट ने पूरे संयम और कलात्मकता से रन बटोरे। सिराज ने दिन की शुरुआत में शानदार गेंदबाज़ी की और बेन डकेटओली पोप को लगातार परेशान किया। डकेट (54) को कृष्णा ने स्लिप में केएल राहुल के हाथों कैच आउट कराया, जबकि पोप (27) को सिराज ने LBW किया। इससे पहले पोप ने कृष्णा की गेंदों पर तीन चौके लगाकर लय पकड़नी शुरू की थी, लेकिन सिराज ने उन्हें चकमा दे दिया।

रूट ने दबाव कम करने के लिए सिराज के खिलाफ दो सुंदर कवर ड्राइव खेले। दूसरी ओर, ब्रुक को जीवनदान भी मिला जब कृष्णा की गेंद पर कैच लेने के दौरान सिराज का पैर बाउंड्री से टकरा गया और यह कैच छह रन में बदल गया।

इससे पहले, उन्होंने आकाशदीप के खिलाफ एक शानदार छक्का भी जड़ा था। जीवनदान के बाद उन्होंने कृष्णा के खिलाफ दो और चौके जड़ दिए।

ओवल मैदान पर इससे पहले चौथी पारी में सबसे बड़ा सफल लक्ष्य इंग्लैंड ने ही 1902 में हासिल किया था, जब उसने 263 रन का पीछा किया था। अब 374 रन का यह लक्ष्य रिकॉर्ड तोड़ने की दहलीज़ पर है।

हालांकि, पहली पारी में बल्लेबाज़ी न कर पाने वाले क्रिस वोक्स ड्रेसिंग रूम में चोटिल हाथ पर स्लिंग लगाए टीम की जर्सी में दिखाई दिए, जिससे यह संकेत मिला कि यदि ज़रूरत पड़ी तो वे अंतिम बल्लेबाज़ के रूप में क्रीज़ पर उतर सकते हैं।

अब मुकाबला चौथे दिन के समापन के बाद बेहद दिलचस्प स्थिति में पहुंच चुका है — इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए, जबकि भारत को सीरीज़ बराबरी पर लाने के लिए 4 विकेट की दरकार है। आखिरी दिन का पहला सत्र इस मुकाबले का रुख तय कर सकता है।