आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
एशिया कप 2025 के टी20 संस्करण की शुरुआत मंगलवार को दुबई में अफगानिस्तान और हांगकांग के बीच मुकाबले से हो रही है। इस मैच से पहले अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान ने कहा कि उनकी टीम वही रणनीति अपनाएगी जिसने उन्हें हाल के आईसीसी आयोजनों में सफलता दिलाई – यानी चीज़ों को “साधारण” रखना.
अफगानिस्तान को इस बार टूर्नामेंट का “डार्क हॉर्स” माना जा रहा है. पिछले चार-पाँच वर्षों में अफगान टीम ने व्हाइट-बॉल क्रिकेट में उल्लेखनीय प्रगति की है. भारत में हुए 2023 वर्ल्ड कप में उन्होंने मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड और पूर्व विजेता पाकिस्तान व श्रीलंका को हराकर छठा स्थान हासिल किया था. इसके बाद अमेरिका और वेस्टइंडीज़ में हुए टी20 वर्ल्ड कप में उन्होंने न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया को हराते हुए ऐतिहासिक सेमीफ़ाइनल तक का सफर तय किया.
राशिद ने दुबई में कहा, “हमारे लिए मुख्य बात है चीज़ों को साधारण रखना, जैसे हमने पिछले आईसीसी टूर्नामेंटों में किया। हम अतिरिक्त दबाव नहीं लेते कि हमें सेमीफ़ाइनल या फ़ाइनल में पहुँचना ही है. हमारा ध्यान सिर्फ मैदान पर 100 प्रतिशत देने पर रहता है. अगर मेहनत करेंगे तो उपलब्धियाँ अपने आप आएँगी.”
अफगानिस्तान की सबसे बड़ी ताक़त उसका स्पिन अटैक है. कप्तान राशिद के साथ 19 वर्षीय नूर अहमद, 40 वर्षीय मोहम्मद नबी और युवा wrist-spinner अल्लाह ग़ज़नफ़र विपक्षी टीमों के लिए चुनौती बन सकते हैं, ख़ासकर अगर दुबई की पिचें धीमी और टर्न लेने वाली रहीं। राशिद ने हाल के चार टी20 मैचों में 12.77 की औसत और 7.18 की इकॉनमी रेट से 9 विकेट लिए हैं.
हालांकि बल्लेबाज़ी अफगानिस्तान की कमज़ोर कड़ी मानी जा रही है. स्टार ओपनर रहमानुल्लाह गुरबाज़ फिलहाल रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वर्ल्ड कप 2024 में तीन अर्धशतकों के साथ 281 रन बनाने के बाद इस साल उन्होंने सिर्फ 104 रन बनाए हैं. अफगानिस्तान का औसत (20.96) और स्ट्राइक रेट (117.07) इस एशिया कप के प्रतिभागियों में सबसे कमज़ोर में गिना जा रहा है.