आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक की कथित दुष्कर्म के बाद हत्या के एक साल पूरा होने पर पश्चिम बंगाल सचिवालय ‘नबान्न’ तक जुलूस निकाले जाने के मद्देनजर शनिवार को यहां और हावड़ा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है एवं यातायात प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. पुलिस ने यह जानकारी दी.
पुलिस ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत ‘नबान्न’ से सटे इलाकों में निषेधाज्ञा लगा दी गई है, जबकि दोनों शहरों में कई चौराहों पर बहुस्तरीय अवरोधक लगा दिए गए हैं तथा हावड़ा ब्रिज एवं हुगली नदी पर बने विद्यासागर सेतु पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुरूप शांतिपूर्ण सभाओं के लिए दो स्थान निर्धारित किए हैं - जिसमें एक हावड़ा पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत सांतरागाछी बस अड्डा और दूसरा मध्य कोलकाता में रानी रश्मोनी एवेन्यू है.
मृतक महिला चिकित्सक के माता-पिता ने लोगों से ‘नबान्न’ तक जुलूस में शामिल होने की अपील की, जबकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं से बिना किसी पार्टी झंडे के जुलूस में भाग लेने की अपील की.
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने भाजपा पर इस दुखद घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. हालांकि भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की.
पुलिस के अधिकारी ने कहा, ‘‘सुरक्षा योजना के तहत सांतरागाछी इलाके में बहुस्तरीय अवरोधक लगाये गये हैं, जहां प्रदर्शनकारियों के पूर्वा, पश्चिम मेदिनीपुर और हावड़ा जिलों से ट्रेन के माध्यम से पहुंचने के आसार है। पुलिस ने तीन-स्तरीय सुरक्षा घेरे के साथ 10 फुट ऊंचे लोहे के अवरोधक लगाए हैं.