PM Modi at SCO Summit: India's vision is security, connectivity and opportunities
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की परिषद् की 25वीं बैठक में भारत की दृष्टि को साझा करते हुए कहा कि भारत की भागीदारी तीन स्तंभों पर आधारित है—सुरक्षा (Security), कनेक्टिविटी (Connectivity) और अवसर (Opportunity).
मोदी ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति और विकास के लिए सुरक्षा, शांति और स्थिरता बुनियाद हैं, लेकिन आतंकवाद और अलगाववाद जैसी चुनौतियाँ इसमें सबसे बड़ी बाधा हैं। उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद की मार झेल रहा है। इस मौके पर उन्होंने उन मित्र देशों का आभार जताया जिन्होंने भारत के दुख की इस घड़ी में साथ दिया.
कनेक्टिविटी के महत्व पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत संपर्क न केवल व्यापार को बढ़ावा देता है बल्कि विश्वास और विकास के नए रास्ते भी खोलता है। उन्होंने चाबहार पोर्ट और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिनसे अफगानिस्तान और मध्य एशिया से भारत की कनेक्टिविटी को नई मजबूती मिलेगी.
अवसरों की बात करते हुए मोदी ने याद दिलाया कि 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान स्टार्टअप्स, नवाचार, युवा सशक्तिकरण, डिजिटल समावेशन और साझा बौद्धिक धरोहर जैसे नए क्षेत्रों को SCO के एजेंडे में शामिल किया गया था. उन्होंने सुझाव दिया कि सदस्य देशों की प्राचीन सभ्यताओं, कला, साहित्य और परंपराओं को साझा करने के लिए एक “सिविलाइज़ेशनल डायलॉग फोरम” बनाया जाए.
प्रधानमंत्री मोदी ने SCO में भारत की सक्रिय और रचनात्मक भूमिका पर जोर दिया और कहा कि भारत ने हमेशा संगठन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में सकारात्मक योगदान दिया है.
बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। रविवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता में मोदी और शी जिनपिंग ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और चीन प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि विकास भागीदार हैं और उनके मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए। दोनों नेताओं ने आपसी सम्मान और संवेदनशीलता पर आधारित स्थिर संबंधों की आवश्यकता पर बल दिया.