PM inaugurates cooperative institution for women of Bihar associated with self help groups
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सस्ती ब्याज दरों पर धन उपलब्ध कराने के लिए ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ का मंगलवार को डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया.
मोदी ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्था के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये भी हस्तांतरित किए.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
मोदी ने कहा कि यह नयी सहकारी संस्था बिहार में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं के उद्यमिता कौशल को बढ़ावा देगी.
उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने हमेशा महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काम किया है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘इस सहकारी संस्था की स्थापना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को किफायती ब्याज दरों पर आसानी से ऋण उपलब्ध कराना है. जीविका के सभी पंजीकृत क्लस्टर-स्तरीय संघ इस संस्था के सदस्य बनेंगे। बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी संस्था के संचालन के लिए धनराशि में योगदान करेगी.
इसमें कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में जीविका के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं में उद्यमिता का विकास हुआ है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कई लघु उद्यमों और उत्पादक कंपनियों की स्थापना हुई है.
बयान में कहा गया, ‘‘महिला उद्यमियों को हालांकि अक्सर 18 प्रतिशत से 24 प्रतिशत तक की ऊंची ब्याज दरें वसूलने वाले सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ता है। जीविका निधि को सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर निर्भरता कम करने और कम ब्याज दरों पर समय पर बड़ी ऋण राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक वैकल्पिक वित्तीय प्रणाली के रूप में बनाया गया है.
इसमें कहा गया, ‘‘यह प्रणाली पूरी तरह से एक डिजिटल मंच पर काम करेगी, जिससे जीविका दीदियों के बैंक खातों में सीधे और तेजी से पारदर्शी धन हस्तांतरण सुनिश्चित होगा। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
बयान में कहा गया है कि इस पहल से ग्रामीण महिलाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा मिलने और समुदाय-आधारित उद्यमों के विकास में तेजी आने की उम्मीद है.
पूरे बिहार से लगभग 20 लाख महिलाओं ने इस उद्घाटन कार्यक्रम को देखा.