आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत और रूस हमेशा कठिन परिस्थितियों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं और उनके संबंध वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं.
मोदी की पुतिन की मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत एवं अमेरिका के संबंध पिछले दो दशक के संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं.
मोदी और पुतिन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर बैठक की, जिसमें आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
अपने संबोधन में, मोदी ने कहा कि भारत के 140 करोड़ लोग दिसंबर में भारत में रूसी नेता के स्वागत के लिए "उत्सुकता से प्रतीक्षा" कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "यह हमारी विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की गहराई और दायरे का प्रतिबिंब है। भारत और रूस हमेशा सबसे कठिन परिस्थितियों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं.
मोदी ने कहा, "हमारा घनिष्ठ सहयोग न केवल दोनों देशों के लोगों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है.
आधिकारिक वार्ता से पहले, दोनों नेताओं ने एससीओ शिखर सम्मेलन में अपने कार्यक्रम समाप्त करने के बाद एक ही कार में बैठक स्थल तक एक साथ यात्रा करते हुए अनौपचारिक बातचीत की। रूसी राष्ट्रपति ने कार में बैठने से पहले प्रधानमंत्री मोदी के आने का लगभग 10 मिनट तक इंतजार किया.
मामले से परिचित लोगों ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद भी मोदी और पुतिन ने 45 मिनट कार में ही बिताए
ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिए जाने के बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों द्वारा भारत की लगातार आलोचना से संबंधों में तनाव और बढ़ गया है.
मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में पुतिन के साथ अपनी वार्ता को "शानदार" बताया और कहा कि उन्होंने व्यापार, उर्वरक, अंतरिक्ष, सुरक्षा और संस्कृति सहित सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान सहित क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनी हुई है.