निर्वाचन आयोग के अधिकारी राज्य के अधिकारियों को धमका रहे हैं, सहन नहीं किया जायेगा: ममता

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 09-10-2025
Election Commission officials are threatening state officials, this will not be tolerated: Mamata
Election Commission officials are threatening state officials, this will not be tolerated: Mamata

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग के अधिकारी उनकी सरकार के अधिकारियों को “धमका” रहे हैं और विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही ‘‘राजनीतिक प्रभाव के तहत काम’’ कर रहे हैं।

बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर ‘‘आग से खेलने’’ का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि मतदाता सूची से छेड़छाड़ का कोई भी प्रयास ‘‘लोकतंत्र के साथ विश्वासघात’’ होगा।
 
पश्चिम बंगाल सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान बनर्जी ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग राज्य सरकार के अधिकारियों को धमका रहा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
 
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने आश्चर्य जताया कि राज्य का दौरा करने वाले निर्वाचन आयोग के अधिकारी सरकारी अधिकारियों को कैसे तलब कर सकते हैं, जबकि चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं हुई है।
 
राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।
 
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए बनर्जी ने दावा किया कि राज्य में एसआईआर प्रक्रिया की निगरानी कर रहे एक निर्वाचन आयोग अधिकारी पर “खुद कई आरोप हैं” और वह “भ्रष्ट अधिकारियों की नियुक्ति कर रहे हैं।”
 
उन्होंने दावा किया, ‘‘उन पर खुद भ्रष्टाचार का आरोप है और एसआईआर के बहाने वोट काटने की साजिश हो रही है; मेरे पास सबूत हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि वह देश और लोकतंत्र के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे।’’
 
बनर्जी ने दावा किया, ‘‘यह एसआईआर वैसा नहीं है जैसा दिखता है। इसका इस्तेमाल पश्चिम बंगाल में एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) जैसी प्रक्रिया को लागू करने के लिए एक आवरण के रूप में किया जा रहा है।’’
 
भाजपा पर अपना हमला तेज करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा एसआईआर के नाम पर आग से खेल रही है। वे हर एजेंसी का इस्तेमाल राजनीति के लिए करते हैं, जनसेवा के लिए नहीं। वे शिक्षा से लेकर संस्कृति और त्योहारों तक, हर चीज का सांप्रदायिकरण कर रहे हैं।’’