दिल्ली में हुआ भारत की महान नृत्य-वीरांगनाओं की कहानी का अद्भुत मंचन

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 23-06-2022
दिल्ली में हुआ भारत की महान नृत्य-वीरांगनाओं की कहानी का अद्भुत मंचन
दिल्ली में हुआ भारत की महान नृत्य-वीरांगनाओं की कहानी का अद्भुत मंचन

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

कामाख्या कलापीठ (सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांसर्स)  के तत्वाधान में आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रस्तुत “कहानी नृत्य-वीरांगनाओं की" ने दर्शकों को अद्भुत आनंद से सराबोर कर दिया. कामाख्या कलापीठ संचालिका और प्रसिद्ध नृत्यांगना डॉ. सोनल मानसिंह द्वारानिर्देशित और संचालित कार्यक्रम में दर्शकों को भारत की महान शास्त्रीय नृत्य की विभूतियों की कहानी देखने का अवसर मिला.

कार्यक्रम की शुरुआत तंजौर की मुत्थूपर्णी की कहानी से हुई, जिसमें कुचिपुड़ी शास्त्रीय संगीतमय नृत्य से दिखाया गया कि कैसे श्रीकृष्ण उनके नृत्य के प्रेरणा और सहभागी बने.

दूसरी कहानी केरला की तात्री की थी. इस प्रस्तुति में पितृसत्तात्मक समाज के बंधनों को तोड़ कर उनके संघर्ष और नृत्य साधना के बारे में दिखाया गया था. यह प्रस्तुति इस बारे में थी कि उन्होंने किसी तरह सभी धारणाओं को तोड़ते हुए अपना स्थान बनाया. मोहिनी अट्टम की स प्रस्तुति को दर्शकों ने बहुत सराहा.

तीसरी कहानी थी मैडम मेनका की. मैडम मेनका वास्तव में एक उपाधि थी और उनका वास्तविक नाम लीलावती राय था. रशियन कलाकार अन्ना पाउलोआ के कहने पर उन्होंने भारतीय नृत्य की शुरुआत की और फिर उन्होंने देश-विदेश में अपने नृत्य से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.

अंतिम प्रस्तुति रुक्मणी देवी के नाम रही. तमिलनाडु की रुक्मिणी देवी ने बैले सीखा. अन्ना पाउलोआ की प्रेरणा से उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्य साधना की अद्वितीय संभावनाओं की खोज शुरू की. रुक्मिणी देवी ने तत्कालीन मंदिरों की देवदासियों को अपने नृत्य का विषय बनाया. रुक्मिणी देवी की कहानी व देवदासी विषय को भरतनाट्यम के माध्यम से प्रस्तुत किया गया.

कार्यक्रम की प्रस्तुतियों के बीच डॉ सोनल मानसिंह के निर्देशन और सूत्रधार की भूमिका ने सबको बांधे रखा.

पूरे कार्यक्रम में युवा कलाकारों की भाव भंगिमा, नृत्य मुद्राओं, पार्श्व संगीत,वेव भूषा और रंग बिरंगी प्रकाश सज्जा ने कार्यक्रम के साक्षी बने कलाप्रेमियों को भाव विभोर होने पर बाध्य कर दिया. 

 कार्यक्रम में राज्य सभा के उपसभापति डॉ हरिवंश, केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल, आइसीसीआर के अध्यक्ष सांसद डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे और श्रीमती सहस्रबुद्धे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की धर्मपत्नी मल्लिका नड्डा, दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना समेत कई सारे गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे.

इस कार्यक्रम में डॉ. हरिवंश ने कहा, “जब हम डॉ. सोनल मानसिंह की प्रस्तुति देखते हैं तो बाहर की दुनिया भूल जाते हैं. मस्तिष्क की दुनिया भूलकर भाव की दुनिया में खो जाते हैं.”

केंद्रीय राज्य मंत्री एसपीएस बघेल ने कहा, “फिराक़ कहते थे कि आने वाली नस्लें फख्र करेंगी कि तुमने फिराक़ को देखा है. हम कहते हैं कि आने वाली नस्लें फख्र करेंगी कि हमने सोनल जी को देखा है.”