राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-आगरा
आगरा की एक मुस्लिम संस्था ने अब जुमे की नमाज केवल दो शिफ्ट में करवाने का इरादा किया है. इस पहल का मकसद है कि नमाजियों की भीड़ के कारण दीगर लोगों को परेशानी या बदइंतजामी न हो. इस पहल का चहुंओर स्वागत हो रहा है.
जुमा और ईद पर आमतौर पर जमात में नमाज पढ़ने की रवायत के कारण अक्सर अव्यवस्था हो जाती है. अक्सर लोग जगह की कमी के कारण सड़कों और मैदानों पर नमाज पढ़ने लगते हैं. इससे यातायात बाधित होता है. कई बार इस मुद्दे पर बहस हो जाती है और इलाके में तनाव भी हो जाता है. इसी के मद्देनजर उप्र सरकार ने पिछली बार ईद पर घरों में ही नमाज पढ़ने का नियम निकाला था. किंतु अब जागरूक मुस्लिमों ने इसका समाधान खोज लिया है.
हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार एक अनूठा प्रयोग आगरा में बोदला-सिकंदरा स्थित नहर वाली मस्जिद कमेटी किया है. यह पहली बार हो रहा है कि कमेटी ने जुमे की नमाज केवल दो शिफ्ट में करवाने का फैसला किया है.
खास बात यह है कि इस मस्जिद कमेटी ने इससे पहले भी प्रगतिशील विचारधारा का परिचय दिया है. इस मस्जिद में पुरुषों के साथ महिलाएं भी नमाज पढ़ सकें, इसका भी पहली मंजिल पर इंतजाम किया गया है और परदादारी का मुकम्मल इंतजाम भी है.
इस्लामिक पीस एंड फाउंडेशन डेवलेपमेंट के एक प्रवक्ता ने कहा कि अदालत और हुकूमत का फैसला है कि सडकों पर नमाज न पढ़ी जाए, तो इसे मानना हमारा फर्ज है. इसलिए मस्जिद में दो शिफ्ट की नमाज का रिवाज शुरू किया गया है, ताकि सड़कों पर नमाजियों की भीड़ न लगे.
उन्होंने बताया कि यहां एक वक्त में 400 लोग जमात में नमाज पढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि दो शिफ्ट की नमाज का रिवाज यूपी में जरूर नया हो सकता है, लेकिन इंदौर और मुंबई में यह प्रथा पहले ही शुरू हो चुकी है और इसमें कोई हर्ज नहीं है. मजहबी पाबंदगी के साथ निजाम का एहतराम भी किया जाना चाहिए.