फिर दिखी भाईचारगी, रोजेदारों ने कराया महिला का अंतिम संस्कार

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
रोजेदार मुस्लिम भाइयों ने करवाया ब्राह्मण महिला का अंतिम सरकार
रोजेदार मुस्लिम भाइयों ने करवाया ब्राह्मण महिला का अंतिम सरकार

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली - सहारनपुर

सद्भाव और भाईचारे की एक खूबसूरत मिसाल का वाकया सहारनपुर में हुआ. यहां के एक ब्राह्मण परिवार पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब इस परिवार की गृहस्वामिनी की कोरोना के कारण मृत्य हो गई. ऐसे में जब कई लोगों ने दूरी बना ली, तो पारिवार के नजदीकी होने के नाते दो मुस्लिम भाई आगे आए और रोजा होने के बावजूद तैयारियां पूरी कीं और अंतिम संस्कार होने तक साथ खड़े रहे.

कोरोना संक्रमण के कारण मानवीय रिश्तों का बचना मुश्किल हो गया है, तो दूसरी ओर अनजान लोग फरिश्ते बनकर मदद को हाथ बढ़ा रहे हैं.

धर्म-जाति के बंधन से परे अच्छे लोगों का इस गंभीर संकट काल में भी हौसला देखते ही बन रहा है.

तजा मामला सहारनपुर की पुरानी मंडी इलाके में वार्ड-43 की सराय फैज अली का है.

यहां एक ब्राह्मण परिवार रहता है. इस परिवार की 48 वर्षीय महिला बीमार पड़ गई. उसके टैस्ट किए गए, तो उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया.

उसकी हालत लगातार बिगड़ने लगी, तो उसे उपचार के लिए मेरठ ले जाया गया. मेरठ के निजी अस्पताल में महिला जिंदगी और मौत से लड़ने लगी.

कुछ दिनों बाद डॉक्टरों ने बताया कि महिला की रिपोर्ट नेगेटिव हो गई है. लेकिन अचानक महिला का ब्लड प्रेशर गिरने लगा. फिर इसी कारण उसकी मौत हो गई.

महिला का एक पुत्र और एक पुत्री है. पति के सामने पत्नी के अंतिम संस्कार की समस्या खड़ी हो गई. ज्यादातर लोग इस मौके पर आने से कन्नी काट रहे थे. इस कठिन दौर में क्षेत्र के पार्षद मंसूर बदर और उनके भाई मसूद बदर ने आगे आकर सारी स्थिति को संभाल लिया.

दोनों भाईयों के इस गर्मी के मौसम में रोजे चल रहे हैं और इसी बीच उनके एक रिश्तेदार की भी मौत हो गई, लेकिन दोनों भाईयों ने अपनी दोस्ती निभाई और इस ब्राह्मण परिवार की भरपूर मदद की.

दोनों भाईयों ने वैदिक सनातन रिवाज से संस्कार के सभी प्रबंध किए. उन्होंने स्वयं शारदा नगर स्थित श्मशान घाट में पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार करवाया.

इन दोनों मुस्लिम भाईयों की हर कोई तारीफ कर रहा है. मंसूर बदर ने कहा कि उनका इस परिवार से भाईचारा है. इसलिए उन्होंने इंसानी फर्ज निभाया और अल्लाह ने उन्हें नेक नियत और ताकत बख्शी.