कानपुर. जमीयत उलेमा-ए-उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष और जमीयत-ए-इस्लामी के महासचिव मौलाना अमीन-उल-हक अब्दुल्ला कासमी ने जमीयत-ए-उलेमा के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पुलिस आयुक्त असीम अरुण से मुलाकात की और महत्वपूर्ण सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दे पर चर्चा की. मौलाना ने कहा कि जमीयत उलेमा शहर कानपुर द्वारा विभिन्न अवसरों पर जागरूकता अभियान, नशा विरोधी अभियान, जल बचत अभियान, शैक्षिक जागरूकता अभियान, बेटियों की सुरक्षा का अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान हर गली, मोहल्ले और मोहल्ले में अलगाववादी के रूप में चलाया जाना चाहिए.
मौलाना ने कहा कि वर्तमान समय में हमारे युवा नशे के आदी होते जा रहे हैं, प्रशासन को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उन्हें नशीला पदार्थ कहां दिया जा रहा है. उलेमा सहयोग करने को तैयार हैं.
मौलाना अब्दुल्ला कासमी ने पुलिस आयुक्त को सूचित किया कि जमीयत-ए-उलेमा कानपुर से लगभग 109वर्षों से एशिया में मुहम्मदी के सबसे बड़े प्राचीन, ऐतिहासिक और केंद्रीय जुलूस का नेतृत्व कर रहा है. विभिन्न संप्रदायों के अधिकारी, शहर के न्यायाधीश, विभिन्न के प्रतिनिधि संघ और नगर प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए जुलूस नहीं निकालने पर सहमति जताई है, लेकिन अगले साल से हमेशा की तरह जमीयत उलेमा शहर कानपुर का नेतृत्व पूरे शान के साथ करेगा.
नगर अध्यक्ष डॉ. हलीमुल्लाह खान ने रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्रों में स्वच्छता के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया, तो पुलिस आयुक्त ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रणाली बना रहे हैं कि सुबह के बजाय रात में स्वच्छता बनी रहे. सुबह बाहर निकले, तो उन्हें कोई कूड़ा नहीं दिखाई दे. सफाई और नशीले पदार्थों का जिक्र करते हुए पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमें सड़कों को साफ करना है और हमारे समाज में फैली बुराइयों से दिलों को भी साफ करना है.