नई दिल्ली
अधिकांश कर्मचारी अपने दिन का बड़ा हिस्सा कार्यालय में बिताते हैं। ऐसे में दफ़्तर का माहौल और सहकर्मियों के साथ संबंध मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकते हैं। कार्यस्थल प्रेरणादायक हो सकता है, लेकिन कभी-कभी ईर्ष्यालु सहकर्मी चुनौती भी बन जाते हैं।
कार्यालय में ईर्ष्या क्यों होती है?
ईर्ष्या एक आम समस्या है, जो ज़्यादातर कर्मचारियों को अपने सहकर्मियों में देखने को मिलती है। आपकी सफलता, पहचान या प्रदर्शन दूसरों में हीनता और जलन पैदा कर सकता है। कभी-कभी यह आपकी नौकरी के लिए भी खतरा बन सकती है। ऐसे सहकर्मियों के लिए नौकरी छोड़ना समाधान नहीं है, बल्कि समझदारी से इसका सामना करना ज़रूरी है।
1. पेशेवर बनें और शांत रहें
कार्यालय में हमेशा व्यावसायिकता बनाए रखें। ईर्ष्यालु सहकर्मियों के नकारात्मक व्यवहार पर निराश होने की बजाय अपने काम पर ध्यान दें। अक्सर ऐसे लोग आपको उकसाने की कोशिश करते हैं। सबसे बेहतर तरीका है शांत और पेशेवर रहना। भावनात्मक प्रतिक्रिया देने के बजाय समझदारी से जवाब दें। मनोविज्ञान के अनुसार, शांत रहने से दूसरों के इरादे असफल हो जाते हैं।
2. नकारात्मक व्यवहार में शामिल न हों
ईर्ष्यालु सहकर्मी आपके बारे में अफ़वाहें फैला सकते हैं या नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकते हैं। उनके साथ उलझना केवल स्थिति को बिगाड़ता है। मनोविज्ञान इसे अनदेखा करने की सलाह देता है। ऑफिस की राजनीति से दूर रहें और नकारात्मक बातचीत से विनम्रतापूर्वक खुद को अलग रखें। यह आपको स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद करता है और काम पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है।
3. अपने काम और ऊर्जा पर ध्यान दें
ईर्ष्यालु सहकर्मी अक्सर अपनी कमियों और असुरक्षा के कारण जलन महसूस करते हैं। इसका सबसे अच्छा उपाय है अपने काम पर पूरी तरह ध्यान देना। खुद पर विश्वास रखें और सकारात्मक रहें। मनोविज्ञान कहता है कि सफलता ही नकारात्मकता का सबसे शक्तिशाली जवाब है।
इन सरल तरीकों को अपनाकर आप ईर्ष्यालु सहकर्मियों के दबाव और नकारात्मकता से सुरक्षित रह सकते हैं और अपने कार्यस्थल को सकारात्मक बनाए रख सकते हैं।