नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि आर्थिक अपराधियों, साइबर अपराधियों, आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त लोगों और अन्य सभी फरार अपराधियों के खिलाफ कठोर रवैया अपनाया जाना चाहिए ताकि उन्हें भारतीय न्याय प्रणाली के सामने लाया जा सके।
यह बात उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा यहां आयोजित 'फरार अपराधियों की प्रत्यर्पण प्रक्रिया - चुनौतियां और रणनीतियां' सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार, अपराध और आतंकवाद के साथ-साथ उन अपराधियों के खिलाफ भी शून्य सहनशीलता नीति अपनाई जानी चाहिए जो भारत के बाहर से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सभी फरार अपराधियों को कानून के दायरे में लाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए और इसके लिए एक ठोस तंत्र स्थापित करना आवश्यक है।शाह ने कहा, "चाहे वे आर्थिक अपराधी हों, साइबर अपराधी हों, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हों या संगठित अपराध के सदस्य हों, हर फरार अपराधी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि उन्हें भारतीय न्याय व्यवस्था के सामने लाया जा सके। इसका समय अब आ गया है।"
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि कोई भी अपराधी कानून की पकड़ से बाहर न जा सके।उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है बल्कि कानून के शासन को भी सुदृढ़ कर रहा है।"
शाह ने कहा कि अपराध और अपराधियों की चाल चाहे जितनी तेज़ हो, न्याय की पहुँच उससे भी तेज़ होनी चाहिए।उन्होंने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने राज्यों में कम से कम एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की जेल स्थापित करें, ताकि विदेशों में फरार अपराधी जेल की खराब स्थितियों का हवाला न दे सकें।