आवाज द वाॅयस /श्रीनगर
रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा के बाद से 23 वर्षीय आदम (बदला हुआ नाम) में भय व्याप्त है.वह उत्तरी कश्मीर का रहने वाला है तथा वर्तमान में सुमी स्टेट यूनिवर्सिटी में मेडिसिन की पढ़ाई कर रहा है.हालांकि यह शहर युद्धक्षेत्र से बहुत दूर है. बावजूद इसके छात्र बुरी तरह भयभीत हैं. खार्किव, कीव, उमान और अन्य हिस्से में लगातार हवाई हमले हो रहे हैं.
उसने बताया, “स्थिति कुछ दिनों से तनावपूर्ण बनी हुई थी. अब हर तरफ दहशत का माहौल है. छात्रों में बेचैनी है.क्योंकि वे भली-भांति समझते हैं कि यहां कभी भी कुछ हो सकता है.कश्मीर की एक वेबसाइट से बात करते हुए आदम ने बताया कि वह फिलहाल हॉस्टल में है, पर उसने अपना बैग तैयार कर रखा है ताकि वह किसी भी समय निकल सके.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उन्हें विश्वविद्यालय के बेसमेंट में शिफ्ट होने की सलाह दी है. उन्होंने कहा,“हमें बताया गया कि छात्रों को भूमिगत मंजिल में जाना होगा.
रूस ने यूक्रेन की सेना के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी है. रूसी सैनिक सरकारी भवनों पर कब्जा कर रहे हैं. यह बहुत डरावना है,क्योंकि हम भी एक सरकारी विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं.पिछले दो दिनों से आदम अपने साथियों के साथ जरूरी सामानों का स्टॉक कर रहा था. “शाम 6 बजे के बाद कर्फ्यू जैसी स्थिति बन जाती है. खाने-पीने की दुकानों पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है. ऐसा लगता है कि भोजन और आवश्यक वस्तुओं का भंडार जल्द ही समाप्त हो जाएगा. ”
आदम ने कहा कि केवल कुछ उड़ानें उपलब्ध होने के कारण उनकी निकासी की संभावना गंभीर है. ‘‘एयर एशिया की तीन उड़ानें निकासी के लिए यहां पहुंचीं. उन्होंने 600 छात्रों को बचाया. हम आठ कश्मीरी हैं. 700 से अधिक भारतीय अभी भी केवल सूमी में फंसे हुए हैं. ”
आदम ने कहा कि एयरलाइन कंपनियों ने भी अपने हवाई किराए में बढ़ोतरी की है. “35000 रुपये से, विमान किराया 65000 रुपये हो गया है. अब उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. ऐसी स्थिति में, कोई व्यक्ति उस हवाईअड्डे की यात्रा नहीं कर सकता, जिस पर पहले से ही रूसी बलों का कब्जा है.
आदम ने कहा कि फंसे हुए भारतीय नागरिकों ने दूतावास से उन्हें जल्द निकालने की अपील की है.