दिल्ली में बृहस्पतिवार से प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के बिना वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा : सिरसा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 16-12-2025
Vehicles without pollution control certificate will not get fuel in Delhi from Thursday: Sirsa
Vehicles without pollution control certificate will not get fuel in Delhi from Thursday: Sirsa

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को घोषणा की कि 18 दिसंबर (बृहस्पतिवार) से राष्ट्रीय राजधानी में वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र के बिना वाहनों को पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
 
सिरसा ने कहा कि वाहन मालिकों को नियम का पालन करने के लिए एक दिन का समय दिया गया है।
 
मंत्री ने कहा कि पेट्रोल पंप पर लगाए गए कैमरे बगैर वैध पीयूसी प्रमाणपत्र वाले वाहनों की स्वतः पहचान कर लेंगे, और बृहस्पतिवार से ऐसे वाहनों को बिना किसी टकराव या व्यवधान के ईंधन देने से इनकार कर दिया जाएगा।
 
उन्होंने आगे कहा कि वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं होने की वजह से अबतक आठ लाख वाहन मालिकों पर जुर्माना लगाया गया है।
 
सिरसा ने कहा कि बृहस्पतिवार से अगले आदेश तक, दिल्ली के बाहर पंजीकृत केवल बीएस-वीआई मानकों वाले वाहनों को ही शहर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।
 
मंत्री ने दावा किया कि इस साल दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग आठ महीने बेहतर रही। उन्होंने स्वीकार किया कि हाल ही में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है, लेकिन दावा किया कि मौजूदा सरकार की ओर से गत दस महीनों से की जा रही कोशिशों के कारण स्थिति अब भी पिछले साल से बेहतर है।
 
सिरसा ने विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली को ‘बदतर बनाने’ के बाद अब वह प्रदूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करके ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
 
उन्होंने सवाल किया कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने अपने कार्यकाल में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कौन से ठोस कदम उठाए थे।
 
मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए रोजाना कदम उठा रही है, जिसमें कचरे के ढेरों की ऊंचाई 15 मीटर कम करना और 45 एकड़ भूमि की सफाई और पुनर्चक्रण करना शामिल है।
 
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने अब तक 2,000 से अधिक प्रदूषण निगरानी संयंत्र भी स्थापित किए हैं।
 
सिरसा ने कहा कि जैविक कचरे से खाद बनाने वाले संयंत्र प्रदूषण में योगदान करते हैं, और सरकार ने उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ संचालन सुनिश्चित करने के लिए हीटर उपलब्ध कराए हैं। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है और पीयूसी नियमों के उल्लंघन पर चालान काटे जा रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि सरकार ने शहर में प्रदूषण के 13 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है और संबंधित एजेंसियों को इनसे निपटने के लिए आमंत्रित किया है।
 
सिरसा ने दावा किया कि कोविड काल को छोड़कर, इन स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर इस वर्ष पिछले एक दशक की तुलना में कम रहा है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
 
सिरसा ने कहा कि सरकार स्वच्छ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है और शहर में 7,500 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है, जिससे वाहनों से होने वाला प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि एक वैज्ञानिक समिति का गठन किया गया है और प्रदूषण नियंत्रण के प्रभावी उपायों की सिफारिश करने के लिए बैठकें भी की गई हैं।
 
सिरसा ने कहा कि निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और उल्लंघन करने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा, साथ ही प्रतिबंध के उल्लंघन में शामिल वाहनों को ज