आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
उत्तराखंड के यमुनोत्री धाम में शनिवार को राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) द्वारा "स्वच्छ यमुना, निर्मल यमुना, अविरल यमुना" अभियान के तहत विशेष सफाई अभियान चलाया गया. क्षेत्राधिकारी यमुनोत्री और एसडीआरएफ के सहायक सेनानायक सुशील रावत की देखरेख में चलाए गए इस अभियान का उद्देश्य यमुना घाट, हनुमान मंदिर और काली कमली क्षेत्र के मंदिर परिसर में सफाई अभियान को तेज करके इस पवित्र स्थल की पवित्रता और स्वच्छता को बनाए रखना है.
विज्ञप्ति के अनुसार, अभियान में जिला पुलिस, प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी), होमगार्ड और पीआरडी (पुलिस रिजर्व विभाग) की टीमों के साथ एसडीआरएफ के जवान शामिल थे. सहयोगात्मक प्रयास में यमुना नदी क्षेत्र से प्लास्टिक, कचरा और अन्य अपशिष्ट को हटाने और स्वच्छता के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया. यमुनोत्री जैसे पवित्र स्थान में स्वच्छता बनाए रखने की यह पहल न केवल पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि तीर्थयात्रियों और भक्तों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. क्षेत्राधिकारी सुशील रावत ने भी अभियान में शामिल सभी अधिकारियों, जवानों और कर्मचारियों की सराहना की और कहा कि ऐसे संयुक्त प्रयासों से ही धार्मिक स्थलों को स्वच्छ और पवित्र रखा जा सकता है.
इस बीच, चार धाम यात्रा 2025 आधिकारिक तौर पर 30 अप्रैल को शुरू हो गई थी, जिसमें अक्षय तृतीया पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए थे. 2 मई को केदारनाथ के कपाट खोले गए और 4 मई को श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोले गए.
पवित्र यात्रा के लिए ऋषिकेश ट्रांजिट कैंप में 22 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया था.
हिंदू तीर्थ चार धाम सर्किट में चार स्थल शामिल हैं: यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ. यमुना नदी उत्तराखंड में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलती है. गर्मियों के दौरान हर साल चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड में तीर्थयात्रा का मौसम चरम पर होता है