आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट बुधवार को अक्षय तृतीया के पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए और इसके साथ ही उत्तराखंड की इस वर्ष की चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गयी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री दोनों धामों के कपाट खुलने के समारोह में मौजूद रहे.
उन्होंने दोनों धामों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से पहली पूजा की और चारधाम यात्रा के सफल आयोजन तथा देश-प्रदेश की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की मंगल कामना की.
यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर में पहुंचने वाले धामी पहले मुख्यमंत्री हैं. मंदिरों के कपाट खुलने के अवसर पर गंगोत्री एवं यमुनोत्री मंदिर के ऊपर हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई.
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, बुधवार सुबह देवी गंगा की मूर्ति को लेकर उत्सव डोली भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर से चलकर गंगोत्री धाम पहुंची जहां विशेष पूजा-अभिषेक के साथ पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट पर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले दिए गए. इसके बाद देवी यमुना की डोली शनिदेव महाराज की अगुवाई में शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली से चलकर यमुनोत्री धाम पहुंची और धार्मिक विधि-विधान के साथ पूर्वाह्न 11 बजकर 55 मिनट पर यमुनोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए.
धामों के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किये तथा गंगा और यमुना में स्नान कर पुण्य अर्जित किया.
मुख्यमंत्री ने देवी गंगा एवं यमुना के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की तथा वहां पहुंची लोक देवताओं की डोलियों से भी आशीष प्राप्त किया.
धामी ने इस अवसर पर कहा कि अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो गयी है.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के चारधाम देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं और इन धामों की यात्रा का सौभाग्य प्राप्त करने की आकांक्षा हर श्रद्धालु के मन में रहती है.
मुख्यमंत्री ने कहा, ''सुरक्षित और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए राज्य में व्यापक प्रबंध किए गए हैं तथा श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगमता को ध्यान में रखते हुए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं. इसके साथ ही यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.''
उन्होंने कहा, '' 'अतिथि देवो भवः' की परंपरा के अनुसार हमारा प्रयास है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखंड से दिव्य धामों के शुभाशीष के साथ ही यात्रा का सुखद अनुभव लेकर जाएं.''
मुख्यमंत्री ने 'ग्रीन और क्लीन चारधाम यात्रा' के आयोजन के लिए सभी लोगों से सहयोग की अपील भी की.
उत्तराखंड के चारधामों में शामिल दो अन्य धामों-केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट क्रमश: दो मई और चार मई को खुलेंगे.