उत्तरकाशी (उत्तराखंड)
उत्तराखंड में हाल ही में हुई बादल फटने और भारी बारिश की घटनाओं के मद्देनज़र, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को उत्तरकाशी में राहत एवं बचाव कार्यों में जुटने से पहले रेस्क्यू टीम के सदस्यों से मुलाकात की और उन्हें प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हो रही राहत और बचाव दल से संवाद करते हुए उन्हें हर संभव सहायता और हौसला प्रदान किया।
इस बीच, बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पीपलकोटी के पास पहाड़ी से गिरे मलबे के कारण यातायात पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। चमोली पुलिस ने जानकारी दी है कि मार्ग को फिर से खोलने के लिए सफाई कार्य तेज़ी से किया जा रहा है।
उत्तरकाशी जिले के भटवारी क्षेत्र, जो कि धराली मार्ग पर स्थित है, से प्राप्त दृश्यों में भारी तबाही और सड़कों का पूरी तरह बाधित होना साफ देखा जा सकता है। बादल फटने के कारण आई भारी बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिससे राहत कार्यों में भी कठिनाई आ रही है।
बुधवार को, धराली क्षेत्र से लगभग 190 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जहां बादल फटने के बाद भारी बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। राहत एवं बचाव कार्यों में भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना (IAF), ITBP, NDRF, SDRF, BRO और स्थानीय स्वयंसेवक मिलकर कार्य कर रहे हैं।
राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं।
भारतीय सेना के अनुसार बुधवार दोपहर 3 बजे तक की स्थिति में तीन लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 50 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
क्षेत्र में 225 से अधिक सेना के जवान तैनात हैं, जिनमें इन्फैंट्री और इंजीनियरिंग टीमें भी शामिल हैं। कॉम्बैट इंजीनियर्स ने धराली पहुंचकर मलबा हटाने और रास्ता साफ करने का कार्य शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों मिलकर राहत कार्यों की निगरानी कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।