नई दिल्ली
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने एक नई और दूरदर्शी पहल ‘प्रतिभा सेतु’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में सफल लेकिन अंतिम चयन से वंचित प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित नियोक्ताओं से जोड़ना है। आयोग के अधिकारियों ने गुरुवार को इस पहल की जानकारी दी।
'प्रतिभा सेतु', जिसे पहले सार्वजनिक प्रकटीकरण योजना (PDS) के नाम से जाना जाता था, ऐसे गैर-अनुशंसित इच्छुक अभ्यर्थियों की जानकारी साझा करती है जो यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा के सभी चरणों (प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार) में सफल रहे, लेकिन अंतिम चयन सूची (मेधा सूची) में स्थान नहीं बना पाए।
यूपीएससी ने कहा कि यह मंच नियोक्ताओं को इन उच्च योग्यताधारी व मेधावी उम्मीदवारों तक पहुंचने का अवसर देता है। साथ ही, यह उम्मीदवारों को अपनी योग्यता और प्रतिभा दिखाने का एक दूसरा मौका भी प्रदान करता है।
इससे पहले आयोग पीडीएस के तहत इन उम्मीदवारों की सूची अपनी वेबसाइट पर जारी करता था। अब इस योजना का विस्तार कर इसे 'प्रतिभा सेतु' नाम दिया गया है और इसे और अधिक सशक्त व प्रभावी बनाया गया है।
कौन कर सकता है लाभ उठाना:
निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठान अब सीधे यूपीएससी के पोर्टल पर पंजीकरण कर इन उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता, संपर्क विवरण, और अन्य आवश्यक जानकारियाँ नियोक्ताओं को उपलब्ध कराई जाएंगी।
यह प्रक्रिया पूरी तरह स्वैच्छिक है और केवल उन्हीं उम्मीदवारों की जानकारी साझा की जाती है जो इसमें शामिल होने के लिए सहमति देते हैं।
यूपीएससी के अनुसार, आयोग के पास 10,000 से अधिक ऐसे योग्य अभ्यर्थियों का डेटा बैंक मौजूद है, जो चयन प्रक्रिया के अंतिम चरण तक पहुंचे लेकिन नियुक्ति के लिए अनुशंसित नहीं किए गए।
किन परीक्षाओं को शामिल किया गया है:
इस योजना में सिविल सेवा परीक्षा, भारतीय वन सेवा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), इंजीनियरिंग सेवा, संयुक्त रक्षा सेवा (CDS), संयुक्त चिकित्सा सेवा, भारतीय आर्थिक सेवा/भारतीय सांख्यिकी सेवा, और संयुक्त भू-वैज्ञानिक परीक्षा आदि को शामिल किया गया है।
गौरतलब है कि पीडीएस योजना की शुरुआत 20 अगस्त 2018 को हुई थी और इसका पहला उपयोग संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा 2017 के परिणामों में किया गया था।
प्रतिभा सेतु के माध्यम से यूपीएससी ने न केवल अपनी पारदर्शिता को और मजबूत किया है, बल्कि देश के प्रतिभाशाली युवाओं को नौकरी के वैकल्पिक अवसर देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी उठाया है।