उदित राज ने मौलाना अरशद मदनी के बयान का समर्थन किया, भेदभाव पर उठाए सवाल

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 23-11-2025
Udit Raj supports Maulana Arshad Madani's statement, questions discrimination
Udit Raj supports Maulana Arshad Madani's statement, questions discrimination

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने जमीअत उलेमा-ए-हिंद (JUH) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के हालिया बयान का समर्थन करते हुए कहा कि देश में कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई ज़रूरी है, लेकिन पूरी समुदाय को निशाना बनाना गलत है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के घरों पर बुलडोज़र चलाने जैसी घटनाएँ चिंता पैदा करती हैं और सरकार को ऐसे कदमों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
 
उदित राज ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता, जबकि भारत में ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। उन्होंने कहा, “किसी एक व्यक्ति की अवैध गतिविधि के लिए पूरी यूनिवर्सिटी या समुदाय को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? यह उचित नहीं है।”
 
कांग्रेस नेता का यह बयान उस समय आया, जब मौलाना अरशद मदनी ने मुसलमानों के साथ भेदभाव के मुद्दे पर चिंता जताई थी। उन्होंने आज़म खान के मामले और अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर की गई सरकारी कार्रवाइयों का उदाहरण देते हुए कहा था कि भारत में मुसलमानों के लिए अवसर सीमित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी टिप्पणी की थी कि “भारत में कोई मुस्लिम वाइस चांसलर नहीं बन सकता,” जिसे कई तथ्यों ने गलत साबित किया।
 
वास्तविकता यह है कि भारत में कई प्रमुख विश्वविद्यालयों का नेतृत्व मुसलमान कर रहे हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया के वर्तमान वाइस चांसलर प्रोफेसर मज़हर आसिफ हैं, जबकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नाइमा खातून हैं। भारत के इतिहास में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद पहले शिक्षा मंत्री रहे, वहीं राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे उदाहरण यह साबित करते हैं कि शीर्ष पदों पर मुसलमानों की उपस्थिति रही है।