The first phase of the India-Israel Free Trade Agreement may be sealed soon: Piyush Goyal
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत और इज़राइल के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर होने वाली बातचीत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँच गई है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिया है कि दोनों देश संभवतः इस बड़े समझौते को दो चरणों में पूरा करने के विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। गोयल के अनुसार, वर्तमान चर्चा का केंद्र एफटीए के पहले चरण को अंतिम रूप देना है, जिससे व्यापक करार का रास्ता और अधिक सुगम हो सकेगा।
गोयल, जो 20 से 22 नवंबर तक इज़राइल की यात्रा पर थे, ने एएनआई से बातचीत में बताया कि उनका दौरा अत्यंत सफल रहा और इज़राइली नेतृत्व ने भारत के साथ आर्थिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में गहरी रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि दोनों देशों के बीच ऐसे कई क्षेत्र हैं जहाँ सहयोग बढ़ाकर द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और तकनीकी साझेदारी को नई दिशा दी जा सकती है। इसी पृष्ठभूमि में एफटीए पर चरणबद्ध कार्यान्वयन का विचार गंभीर रूप से उभरकर सामने आया है।
गोयल ने कहा कि इज़राइल के कृषि मंत्री के साथ उनकी बैठक विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही। इज़राइल लंबे समय से कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार का वैश्विक उदाहरण माना जाता है, विशेष रूप से ड्रिप इरिगेशन, जल प्रबंधन और सीमित संसाधनों में अधिक उत्पादकता हासिल करने की तकनीकों को लेकर। गोयल ने कहा कि इज़राइल का अनुभव भारत के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है, क्योंकि देश कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और किसान-हितैषी तकनीकों को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि सीमित भूमि, सीमित संसाधन और सीमित जल उपलब्धता जैसी परिस्थितियों के बावजूद इज़राइल ने कृषि में जो प्रगति हासिल की है, वह भारत के लिए प्रेरणादायक है, और इस सहयोग से दोनों देश एक-दूसरे की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
इज़राइल के वित्त मंत्री के साथ हुई बैठक को लेकर भी गोयल ने सकारात्मक संकेत दिए। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश संधि पूरी हो चुकी है, जिसे इज़राइली पक्ष ने अत्यंत संतोषजनक कदम बताया। गोयल के अनुसार, यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के नए युग की शुरुआत का प्रतीक है और यह निवेशकों के लिए अधिक सुरक्षित और स्थिर वातावरण प्रदान करेगा। इससे भारत–इज़राइल व्यापारिक संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होगा और निजी क्षेत्र को भी आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे।
गोयल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दोनों देश अब एफटीए की दिशा में संरचित वार्ताओं की ओर बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि एफटीए के लिए जरूरी ‘टर्म्स ऑफ़ रेफ़रेंस’ को अंतिम रूप देकर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं, जिसके बाद औपचारिक वार्ताएँ शुरू होंगी। यह कदम दोनों सरकारों की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने और सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज के प्रति गंभीर हैं। इस दस्तावेज़ के जरिए आने वाले महीनों में वार्ताओं की दिशा, दायरा और उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा।
इज़राइल की व्यापारिक और औद्योगिक संस्थाओं ने भी गोयल के दौरे के दौरान भारत के साथ गहरे आर्थिक सहयोग में भारी रुचि दिखाई। गोयल ने कहा कि उद्योग जगत ने यह स्पष्ट किया कि भारत एक तेज़ी से उभरती हुई आर्थिक शक्ति है और इज़राइली नवाचारों के साथ भारत का बाज़ार वैश्विक स्तर पर एक प्रभावी साझेदारी का मॉडल पेश कर सकता है। उन्होंने बताया कि तीन दिनों के इस दौरे में उन्हें यह महसूस हुआ कि इज़राइल की सरकार और उद्योग जगत भारत को दीर्घकालिक और भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रहे हैं।