Two loco trains collided in a hydroelectric project tunnel in Chamoli district, injuring 88 people
गोपेश्वर/देहरादून
उत्तराखंड के चमोली जिले में निर्माणाधीन विष्णुगाड–पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना की पीपलकोटी सुरंग में श्रमिकों व कर्मचारियों को ले जा रही एक लोको ट्रेन तथा सामग्री ढोने वाली दूसरी लोको ट्रेन की आपस में टक्कर के कारण 88 लोग घायल हो गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से पूरी जानकारी ली और घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए।
चमोली के जिलाधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे टीएचडीसी (इंडिया) द्वारा बनायी जा रही परियोजना की सुरंग के भीतर टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) स्थल पर यह हादसा हुआ।
उन्होंने बताया कि रात की पाली में सुरंग की खुदाई के लिए श्रमिकों को ले जा रही लोको ट्रेन सुरंग के करीब दो किलोमीटर भीतर पहुंची थी, तभी दूसरी ओर से सामग्री लेकर आ रही एक अन्य लोको ट्रेन अनियंत्रित होकर उससे टकरा गई।
हादसे की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी गौरव कुमार और पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पंवार तत्काल गोपेश्वर जिला अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना। उन्होंने चिकित्सकों को घायलों के बेहतर और समुचित उपचार के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने बताया कि हादसे के समय लोको ट्रेन में कुल 109 लोग सवार थे, जिनमें अधिकांश श्रमिक थे। उन्होंने बताया कि इनमें से 88 लोग घायल हुए, हालांकि किसी की हालत गंभीर नहीं है।
उन्होंने बताया कि 70 श्रमिकों को उपचार के लिए गोपेश्वर स्थित जिला चिकित्सालय लाया गया, जिनमें से 66 को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि चार अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।
कुमार ने बताया कि इसके अलावा, पीपलकोटी स्थित विवेकानंद चिकित्सालय में 18 श्रमिकों को प्राथमिक उपचार दिया गया, जिसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने चमोली के जिलाधिकारी से फोन पर बातचीत कर घटना की विस्तृत जानकारी ली और सभी घायलों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर श्रमिकों को उच्च चिकित्सालयों में रेफर किया जाए।
इस बीच, रेलवे ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि परियोजना के भीतर टकराई ट्रेनों का भारतीय रेल से कोई संबंध नहीं है।
बयान में कहा गया, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि उत्तराखंड के चमोली में जलविद्युत परियोजना की सुरंग के निर्माण के दौरान स्थानीय स्तर पर परिवहन व्यवस्था में प्रयुक्त एक ट्रॉली से संबंधित यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। समाचारों में संदर्भित ट्रेन भारतीय रेल की नहीं है, बल्कि परियोजना टीम द्वारा स्थानीय स्तर पर उपयोग की जा रही परिवहन व्यवस्था है।’’
अधिकारियों के अनुसार, सुरंग के भीतर निर्माण कार्य के लिए श्रमिकों, कर्मचारियों और सामग्री के परिवहन में रेलनुमा वाहनों का उपयोग किया जाता है।
अलकनंदा नदी पर हेलंग और पीपलकोटी के बीच बनाई जा रही इस परियोजना में चार टरबाइन के जरिए कुल 444 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। परियोजना को अगले वर्ष तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।