आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
बरेली में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के एक हफ़्ते बाद जिला प्रशासन ने इस शुक्रवार की सामूहिक नमाज से पहले संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा कड़ी कर दी है।
जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुबह से ही भारी पुलिस बल के साथ शहर में गश्त करते देखे गए, जबकि आला हजरत दरगाह के मौलवियों ने निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की।
गत शुक्रवार को ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर से जुड़े विवाद को लेकर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन रद्द होने के बाद शहर में स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थीं।
झड़पों में कई लोग घायल हुए थे, जबकि पुलिस ने हिंसा के लिए 10 प्राथमिकी दर्ज की थीं और सैकड़ों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
अब तक मौलाना तौकीर रजा खान, उनके सहयोगियों और कुछ रिश्तेदारों सहित 70 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है।
जिला प्रशासन ने सेक्टर मजिस्ट्रेट, अर्धसैनिक बल और नोडल मजिस्ट्रेट के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों की चप्पे-चप्पे पर मौजूदगी सुनिश्चित की और वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पैदल मार्च और फ़्लैग मार्च किया। बरेली की सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज़ शांतिपूर्वक अदा की गई।
बरेली के जिलाधिकारी (डीएम) अविनाश सिंह ने कहा कि बरेली की जनता ने पुलिस और प्रशासन को पूरा सहयोग दिया।
वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अनुराग आर्य ने बरेली की जनता को पुलिस और प्रशासन का पूरा सहयोग देने का श्रेय देते हुए कहा कि शांतिपूर्ण नमाज़ किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि बरेली की पूरी जनता की देन है।
बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मणिकंदन ए ने बताया कि ज़िला प्रशासन से निर्देश मिलने के बाद उपद्रवियों की अचल संपत्तियों की सूची तैयार की जा रही है और जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके पहले जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बृहस्पतिवार रात को संवेदनशील इलाकों का दौरा किया और स्थानीय निवासियों से बातचीत की, जिन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का आश्वासन दिया।
सिंह ने कहा, ‘‘हम अब भी पैदल गश्त कर रहे हैं। व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं।’’
एसएसपी आर्य ने बताया कि शहर को कड़ी निगरानी के लिए चार सुपर ज़ोन और आठ ज़ोन में विभाजित किया गया है और विशेष निगरानी के लिए अन्य ज़िलों से चार आईपीएस अधिकारियों को बुलाया गया है।
नौ महल मस्जिद, आला हज़रत दरगाह मस्जिद, कोतवाली क्षेत्र की आजम नगर मस्जिद और बारादरी मस्जिदों सहित प्रमुख मस्जिदों के बाहर भारी पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात दिखाई दिया। ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की गई।
रोडवेज बाजार, कुतुबखाना, शिवाजी मार्ग, आलमगीरगंज, सराफा, सहमतगंज और किला बाजार जैसे बाजार शुक्रवार को खुले, लेकिन उनमें आम दिनों की तरह चहल-पहल नहीं थी। शहर में इंटरनेट पर भी प्रतिबंध जारी है।
इस बीच, आला हजरत दरगाह के सज्जादानशीन, बदरुश शरिया मुफ्ती अहसन मियां ने मुसलमानों से शांतिपूर्वक जुमे की नमाज अदा करने और घर लौटने का आग्रह किया।
उन्होंने एक अपील में कहा, ‘‘अफवाहों पर ध्यान न दें। हर कीमत पर शांति बनाए रखनी होगी।’’