India's dairy sector has grown by 70 percent in the last 11 years, says Amit Shah
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने पिछले 11 साल में डेयरी क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में डेयरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में डेयरी क्षेत्र क्षमता के लिहाज से 70 प्रतिशत बढ़ा है।
शाह ने सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत यहां ‘इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप’ में नवनिर्मित ‘साबर डेयरी’ संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद कहा कि दुनिया में भारत का डेयरी क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ रहा है।
कुल 325 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस संयंत्र में अत्याधुनिक मशीन लगेंगी और इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
‘साबर डेयरी’ संयंत्र दही, छाछ और ‘योगर्ट’ के लिए देश का सबसे बड़ा उत्पादन संयंत्र है, जिसकी दैनिक क्षमता 150 मीट्रिक टन दही, तीन लाख लीटर छाछ, 10 लाख लीटर ‘योगर्ट’ और 10 मीट्रिक टन मिठाइयां बनाने की है।
गुजरात स्थित साबरकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ को ‘साबर डेयरी’ के नाम से जाना जाता है।
सहकारिता मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे शाह ने कहा कि पिछले चार साल में इस मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर सहकारिता व्यवस्था की मजबूत नींव रखी है।
शाह ने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि 2029 तक देश में एक भी पंचायत ऐसी नहीं होगी, जहां सहकारी समिति न हो।’’
उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन 2014-2015 में 14.6 करोड़ टन से बढ़कर 2023-24 में 23.9 करोड़ टन हो गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डेयरी क्षेत्र से लगभग आठ करोड़ किसान जुड़े हुए हैं और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता पहले 124 ग्राम थी, जो अब 471 ग्राम हो गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में डेयरी क्षेत्र में कई बदलाव आए हैं, जिससे किसान समृद्ध हुए हैं और भारत दुनिया में शीर्ष दूध उत्पादक देश के रूप में उभरा है।
शाह ने श्वेत क्रांति 2.0 पहल का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमारी वर्तमान दूध प्रसंस्करण क्षमता 6.6 करोड़ लीटर प्रतिदिन है और हमारा लक्ष्य 2028-29 तक इसे बढ़ाकर 10 करोड़ लीटर करना है।
शाह ने कहा कि जब सहकारी क्षेत्र के तहत दूध की खरीद में वृद्धि होती है, तो इसका लाभ सीधे डेयरी क्षेत्र के किसानों को मिलता है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में लगभग 33,000 सहकारी समितियां पंजीकृत की गई हैं।