This was a 'pollution period session', started with insulting Tagore and ended with insulting Bapu: Congress
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कांग्रेस ने संसद का शीतकालीन सत्र संपन्न होने के बाद शुक्रवार को आरोप लगाया कि इस सत्र की शुरुआत सरकार द्वारा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के अपमान से हुई और समापन ‘‘महात्मा गांधी के अपमान’’ से हुआ।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया यह शीतकालीन सत्र नहीं ‘‘प्रदूषणकालीन सत्र’’ था और वह सरकार वायु प्रदूषण पर चर्चा से भाग गई, जो यह मानती है कि वायु प्रदूषण का फेफड़े पर कोई असर नहीं होता।
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद रमेश ने संवाददाताओं से कहा, "हमसे सर्वदलीय बैठक में कहा गया कि 14 विधेयक पेश होंगे, जिनमें दो विधेयक औपचारिकता निभाने वाले थे। यानी कुल 12 विधेयक की जानकारी दी गई थी। लेकिन इनमें से पांच विधेयक नहीं लाए गए।"
उन्होंने कहा कि ‘वीबी जी राम जी विधेयक’’ आखिरी दो दिनों में पेश किया गया।
जी राम जी विधेयक पर लोकसभा में बुधवार देर रात तक चर्चा हुई, इसे बृहस्पतिवार को पारित किया गया, जबकि राज्यसभा में इस पर बृहस्पतिवार को करीब छह घंटे से अधिक की चर्चा के बाद 18 दिसंबर को देर रात पारित किया गया।
रमेश ने दावा किया, "इस सत्र की शुरुआत गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के अपमान से हुई... वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।"
उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष भूल गया कि टैगोर के सुझाव पर वंदे मातरम् के दो अंतरों को राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया गया था।
लोकसभा में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन से हुई, जबकि राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने इस चर्चा की शुरुआत की थी।