मेंगलुरु
कर्नाटक के धर्मस्थल से जुड़े विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने सोमवार को कहा कि पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में महिलाओं की हत्या, दुष्कर्म और शव दफनाने के आरोपों के पीछे एक “बहुत बड़ी साजिश” है। उन्होंने इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने की मांग की।
विजयेंद्र विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक, भाजपा विधायकों और अन्य नेताओं के साथ धर्मस्थल में ‘‘धर्मस्थल चलो’’ रैली में भाग लेंगे। यह रैली धर्मस्थल के खिलाफ चल रही कथित साजिश और बदनाम करने की कोशिशों के विरोध में आयोजित की गई है।
उन्होंने कहा, “यह मामला जाति, पंथ और धर्म से ऊपर है। सभी भक्तों की मांग है कि सीबीआई या एनआईए द्वारा इस प्रकरण की गहन जांच होनी चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जांच के दौरान कई झूठे प्रचार किए गए।
विजयेंद्र ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो झूठा प्रचार हुआ है, उससे करोड़ों श्रद्धालु आहत हुए हैं और उनकी भावनाएं ठेस पहुंची हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने धर्मस्थल के खिलाफ इस पूरे प्रकरण को एक बड़ी साजिश बताया और कहा कि दक्षिण कन्नड़ जिले के प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडू राव ने माना था कि राज्य सरकार पर वामपंथी समूहों का दबाव था। उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने भी इस प्रकरण को बड़ी साजिश बताया है।
उन्होंने कहा, “सब कुछ उजागर होना चाहिए। इसलिए हम एनआईए या सीबीआई से गहन जांच की मांग कर रहे हैं। उम्मीद है कि राज्य सरकार जल्द इस पर कार्रवाई करेगी।”
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि पिछले 20 वर्षों में धर्मस्थल में कई शव दफनाए गए, जिनमें यौन उत्पीड़न के निशान पाए गए महिलाओं के शव भी शामिल हैं। बाद में शिकायतकर्ता की पहचान सी. एन. चिन्नैया के रूप में हुई, जिसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।