हिमाचल में मानसून का कहर: 320 की मौत, 154 सड़क दुर्घटनाओं में हताहत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-09-2025
Monsoon havoc in Himachal: 320 people died, 166 rain-related accidents, 154 injured in road accidents
Monsoon havoc in Himachal: 320 people died, 166 rain-related accidents, 154 injured in road accidents

 

 

 

 

 

शिमला

2025 के मानसून ने हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मचाई है, जिसमें अब तक 320 लोगों की जान जा चुकी है और कुल नुकसान ₹3 लाख करोड़ से अधिक आंका गया है, यह जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने दी है।

20 जून से अब तक हुई कुल मौतों में से 166 बारिश से जुड़े हादसों जैसे भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, बादल फटने, डूबने, करंट लगने, बिजली गिरने और अन्य मौसमी आपदाओं के कारण हुई हैं। वहीं, इस अवधि में सड़क दुर्घटनाओं में 154 लोगों की मृत्यु हुई है।

जिला वार आंकड़ों के अनुसार, मंडी (51 मौतें), कांगड़ा (49 मौतें) और शिमला (29 मौतें) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहे हैं। बारिश संबंधी मौतें मंडी में सबसे ज्यादा (29), इसके बाद कांगड़ा (30) और चंबा (14) में दर्ज की गई हैं। सड़क दुर्घटना संबंधी मौतें चंबा (22), मंडी (22) और कांगड़ा (19) जिलों में सबसे अधिक रिपोर्ट हुई हैं।

सम्पत्ति को हुए नुकसान का आंकड़ा भी भयावह है — 1,280 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 27,640 मकान आंशिक रूप से नुकसान झेल चुके हैं। निजी और सार्वजनिक दोनों ही संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है।

सार्वजनिक संपत्तियों में सड़क विभाग के कार्य, जल आपूर्ति योजनाएं, विद्युत् बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं शामिल हैं। कृषि और बागवानी क्षेत्र को भी व्यापक नुकसान हुआ है, जहां फसलों का नुकसान ₹1,70,757.50 लाख और बागवानी का ₹1,07,043.50 लाख आंका गया है।

पशुपालन क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है, जिसमें 1,885 पशु मरे हैं और 25,755 से अधिक पोल्ट्री पक्षी नष्ट हुए हैं। SDMA की रिपोर्ट में बताया गया है कि विद्युत् बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की राशि अकेले ₹14,39.30 लाख है, जबकि ग्रामीण और शहरी विकास क्षेत्रों को संयुक्त रूप से ₹2,456 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि लगातार बारिश के कारण और भूस्खलन तथा सड़क बंद होने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। लोगों से अनावश्यक यात्रा न करने और मौसम संबंधी सूचनाओं पर सतर्क रहने की अपील की गई है। राहत और पुनर्स्थापन कार्य जारी हैं, लेकिन कई क्षेत्र अभी भी भूस्खलन और टूटे हुए पुलों के कारण कटे हुए हैं।