उच्च न्यायालय के फैसले से पहले ही मनसा देवी रोपवे का टेंडर रद्द

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 13-06-2025
The tender for operating the Mansa Devi Ropeway in Haridwar was cancelled even before the High Court's decision came
The tender for operating the Mansa Devi Ropeway in Haridwar was cancelled even before the High Court's decision came

 

नैनीताल
 
उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर रोपवे संचालन के लिए आमंत्रित निविदा में अस्पताल चलाने वाली तथा सड़क एवं राजमार्ग निर्माण कंपनियों को भी शामिल किये जाने के विरुद्ध याचिका पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय का फैसला आने से पहले ही निविदा रद्द कर दी गई. उच्च न्यायालय द्वारा इस संबंध में यात्रियों की सुरक्षा और निविदा प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर चिंता तथा नाराजगी व्यक्त किए जाने के बाद निविदा जारी करने वाले हरिद्वार नगर निगम को इसे रद्द करना पड़ा है.
 
नगर निगम के वकील संदीप कोठारी ने मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ को सुनवाई के दौरान अवगत कराया कि यह निविदा वापस ले ली गयी है. इस मामले में जल्द ही उच्च न्यायालय का निर्णय आने की उम्मीद है. इस मामले में अप्रैल में उस वक्त विवाद शुरू हुआ था, जब हरिद्वार नगर निगम ने मनसा देवी रोपवे के संचालन और रखरखाव के लिए निविदा जारी की.
 
इस संबंध में रोपवे विशेषज्ञ कंपनी उषा ब्रेको लिमिटेड ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि सड़क और निर्माण कार्य करने वाली तथा रोपवे सेवाओं में कोई अनुभव नहीं रखने वाली कंपनियों को भी निविदा प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दे दी गयी.
 
याचिका में कहा गया था कि राजमार्ग, पुल एवं सुरंग निर्माण और दूरसंचार कंपनियों तथा यहां तक कि अस्पताल चलाने वाली कंपनियों को भी निविदा में शामिल किया गया. याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि नगर आयुक्त ने नगर निगम बोर्ड की मंजूरी के बिना निविदा शर्तों में भी बदलाव किये, जिससे उसकी प्रक्रिया और पारदर्शिता को लेकर संदेह उत्पन्न होता है. उच्च न्यायालय ने पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान इन तथ्यों पर आश्चर्य व्यक्त किया था और निविदा की शर्तों की समीक्षा के लिए पांच-सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था. समिति अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप चुकी है.