असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग में हिंसा के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो रही है स्थिति

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-12-2025
The situation is gradually returning to normal in West Karbi Anglong, Assam, after the violence.
The situation is gradually returning to normal in West Karbi Anglong, Assam, after the violence.

 

दीफू (असम)

असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे शांति लौट रही है और वहां कोई नई घटना नहीं हुई। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।पश्चिम कार्बी आंगलोंग में जनजातीय क्षेत्रों में हिंदी भाषी लोगों द्वारा ग्राम चारागाह रिजर्व (VGR) और व्यावसायिक चारागाह रिजर्व (PGR) भूमि पर अतिक्रमण के आरोपों को लेकर कार्बी समुदाय और बिहार से आए लोगों के बीच विवाद चल रहा था।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “स्थिति अब शांत है और हिंसा की कोई सूचना नहीं है। सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद हैं और सभी संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं।”अधिकारियों ने बताया कि असम पुलिस, त्वरित कार्य बल (RAF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और भारतीय सेना के जवान बड़ी संख्या में तैनात हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

दो मृतकों के अंतिम संस्कार बुधवार रात शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। दिव्यांग युवक सुरेश डे का शव उनके घर-और-दुकान से बरामद हुआ और कार्बी समुदाय के लोगों ने उसे आग के हवाले किया। वहीं, जनजातीय समुदाय के अथिक टिमुंग की मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई।

जिले का सबसे प्रभावित क्षेत्र खेरोनी है, जहां बिहार, बंगाल और नेपाल से आए लोग कार्बी समुदाय के लोगों के साथ रहते हैं।स्थिति में सुधार के बावजूद, निषेधाज्ञा और मोबाइल डेटा निलंबन अभी जारी रहेगा। अधिकारी ने कहा कि लोग धीरे-धीरे अपने घरों से बाहर आकर सामान्य जीवन में लौट रहे हैं।

कार्बी समुदाय के प्रदर्शनकारी 15 दिन से भूख हड़ताल पर थे और वे कथित अवैध निवासियों को VGR और PGR भूमि से निकालने की मांग कर रहे थे।पुलिस ने सोमवार तड़के तीन प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन स्थल से हटाया, जिसके बाद स्थिति हिंसक हो गई। प्रशासन ने कहा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ले जाया गया था

खेरोनी क्षेत्र में मंगलवार को पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हुई और एक अन्य व्यक्ति अपने घर में जिंदा जल गया। इस दौरान 70 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 60 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के कारण कार्बी समुदाय की मांग तुरंत पूरी नहीं की जा सकती।

हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना की एक टुकड़ी तैनात की गई और फ्लैग मार्च किया गया। आमतौर पर एक सैन्य टुकड़ी में 60-80 जवान होते हैं।