नई दिल्ली,
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता कुलदीप राय शर्मा को 500 करोड़ रुपये के कथित सहकारी बैंक घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने इस मामले में बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक के. मुरुगन और ऋण अधिकारी के. कलैवानन को भी आरोपी बनाते हुए कार्रवाई की है।
यह पहली बार है जब केंद्र शासित प्रदेश अंडमान में ईडी ने धनशोधन निरोधक कानून (PMLA) के तहत गिरफ्तारी की है।
एजेंसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 58 वर्षीय कुलदीप राय शर्मा अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक (ANSCB) के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें और कलैवानन को कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को आठ दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, मुरुगन अस्पताल में भर्ती होने के कारण अदालत में पेश नहीं हो सके।
ईडी की जांच में सामने आया है कि बैंक अधिकारियों ने कथित तौर पर 100 से अधिक खातों के जरिए फर्जी कंपनियों और शेल फर्मों को भारी-भरकम ऋण स्वीकृत किए। एजेंसी का दावा है कि इस पूरी प्रक्रिया में बैंक की निर्धारित प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों की खुली अवहेलना की गई।
ईडी के अनुसार, इस धोखाधड़ी में शामिल राशि 500 करोड़ रुपये से अधिक है। एजेंसी ने कहा कि अब तक मिले सबूत बताते हैं कि लगभग 230 करोड़ रुपये की ऋण राशि सीधे तौर पर कुलदीप राय शर्मा और उनके सहयोगियों के फायदे के लिए ली गई थी।
एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि मुरुगन और कलैवानन ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर कंपनियां बनाईं और उन्हीं कंपनियों के नाम पर बैंक से फर्जी ऋण लेकर लाभ कमाया।
यह पूरा मामला अंडमान और निकोबार पुलिस के अपराध एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से शुरू हुआ था। इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज कर कार्रवाई की है।