यूनुस अल्वी /नूंह ( हरियाणा )
देश के चर्चित आलिम मौलाना इसहाक उटावड़ी का आज हरियाणा के नूंह के नलहड़ मेडिकल कॉलेज में इंतकाल हो गया, जिस से मेवात ही नहीं देश के उलेमा में भी शोक की लहर है. आज ही उन्हें सुपुर्दे खाक कर दिया गया.
अरब देशों में तब्लीगी जमात के लिए लंबे समय तक काम करने वाले मौलाना इसहाक उटावड़ी मुहद्दिस कबीर,उस्तादुल असातिजा मौलाना अब्दुल सुब्हान नाटोली के शागिर्द व मौलाना यूसुफ हजरत के करीबियों में से थे.
उल्लेखनीय है कि अमिनिया और सुभानिया से अपनी आलमियत की पढ़ाई करने वाले मौलाना इसहाक उटावड़ी हरियाणा, पंजाब के अमीरे शरिया थे. इसके अलावा वह मदरसा मोइनुल इस्लाम के सदर और शेखुल हदीस भी रह चुके हैं.
मौलाना हरियाणा के पलवल जिले के हथीन विधानसभा के उटावड़ गांव के रहने वाले थे. उनकी उम्र 100 साल से भी ज्यादा थी.उनका जन्म 1920 में हुआ था. मौलाना आलिम की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1940 में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीग जमात के मरकज के संपर्क में आए.
उसके बाद तब्लीग के काम में जुट गए. मौलाना सिद्दीक के 2008 में इंतकाल के बाद उन्हें हरियाणा, पंजाब,हिमाचल, चंडीगढ़ का अमीरे शरीअत बनाया गया. वह अंतिम समय तक अमीरे शरीअत रहे.
शनिवार को उनके इंतेकाल के बाद उनके जनाते की नमाज नूंह के यासीन मेव डिग्री कॉलेज में पढ़ाई गई.इस अवसर पर मेवात,दिल्ली,राजस्थान,उत्तरप्रदेश के उलामा समेत बड़ी संख्या में इलाके के लोग मौजूद रहे. नमाजे जनाजा मौलाना इसहाक के बड़े बेटे मौलाना खालिद ने पढ़ाई.
हरियाणा विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता एवं नूंह से कांग्रेस विधायक चौधरी आफताब अहमद ने मौलाना की मौत को अपूर्णीय क्षति बताते हुए दुख प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि मौलाना इसहाक उटावड़ी की कमी पूरी नहीं की जा सकती. वह बेहतरीन इंसान थे. मेवात में शुरू से ही तबलीग जमात से जुड़े रहे. उनकी गिनती देश के उलेमा में होती थी.
मौलाना की जनाजे की नमाज में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द व मरकज निजामुद्दीन से भी लोग शामिल होने पहुंचे. मौलाना हकीमुद्दीन कासमी महासचिव जमीअत उलामा-ए-हिन्द, मुफ्ती जाहिद हुसैन कासमी शैखुल हदीस नूंह, मौलाना राशिद मील खेड़ला, मुफ्ती इब्राहीम कासमी, मौलाना फारूक मरकज निजामुद्दीन, मौलाना अब्दुर्रशीद मरकज निजामुद्दीन, मुफ्ती असलम आली मेव, मौलाना सईद अमिनी मालब उनके निधन पर दुख जताया है.