सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज ने मनाया “स्वच्छता पखवाड़ा” 2025

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 17-09-2025
The Center for Interdisciplinary Research in Basic Sciences celebrated
The Center for Interdisciplinary Research in Basic Sciences celebrated "Swachhta Pakhwada" 2025.

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज (CIRBSc) ने 12 सितंबर 2025 को “स्वच्छता पखवाड़ा” 2025 का सफल आयोजन किया। इस अवसर पर सेंटर के निदेशक प्रो. राजन पटेल, सभी फैकल्टी सदस्य, छात्र और कर्मचारी स्वच्छ भारत शपथ लेकर कार्यक्रम की शुरुआत की।

इस अवसर पर प्रो. राजन पटेल ने छात्रों और शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं बल्कि सामूहिक कर्तव्य है, जो स्वस्थ और स्थायी पर्यावरण सुनिश्चित करने में योगदान देता है। उन्होंने सभी को स्वच्छ भारत मिशन में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया और केंद्र सरकार द्वारा देशभर में चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों और सफाई अभियानों की सराहना की।

प्रो. पटेल ने रसायनिक अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने छात्रों और शोधकर्ताओं को रसायनों के सही उपयोग और प्रयोगशाला में सुरक्षित हैंडलिंग के बारे में बताया। उन्होंने रासायनिक अपशिष्ट को सही तरीके से पृथक करने और खतरनाक पदार्थों का जिम्मेदारीपूर्वक निपटान करने की आवश्यकता बताई, ताकि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर कोई हानिकारक प्रभाव न पड़े। डॉ. शमा परवीन ने जैव-हानिकारक अपशिष्ट को लाल डस्टबिन और IBSC दिशा-निर्देशों के अनुसार अलग स्थान पर सुरक्षित रूप से निपटाने पर जोर दिया।

इसके बाद, सभी फैकल्टी, छात्र और कर्मचारी रामानुजन ब्लॉक के आसपास प्लास्टिक कचरा उठाकर डस्टबिन में डालने में जुट गए। उन्होंने क्लासरूम, फैकल्टी रूम, कॉरिडोर और शौचालयों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि परिसर में प्लास्टिक कचरा कम किया जाए और स्क्रैप सामग्री का निपटान सही तरीके से किया जाए।

इसके अलावा, छात्रों ने आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर सार्वजनिक स्थानों, गलियों और आसपास के समुदायों में स्वच्छता बनाए रखने पर ध्यान दिया।

अंत में, प्रो. राजन पटेल ने सभी की सक्रिय भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। उनका संदेश यह याद दिलाने वाला था कि चाहे वह परिसर को स्वच्छ बनाए रखना हो या प्रयोगशाला में अपशिष्ट का सही प्रबंधन करना, हर छोटा प्रयास एक बड़े लक्ष्य — एक स्वच्छ, सुरक्षित और हरित भारत — में योगदान देता है।