The anti-tobacco forum has requested that the ban on 'herbal' hookah bars in Tamil Nadu not be lifted.
                                
                                    
	आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
	
	
	 
	 ‘तमिलनाडु पीपुल्स फोरम फॉर टोबैको कंट्रोल’ (टीएनपीएफटीसी) ने सरकार से आग्रह किया है कि वह हुक्का बार पर पूर्ण प्रतिबंध न हटाए, जिसमें ‘हर्बल’ हुक्का परोसने वाले बार भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने 2023 में यह प्रतिबंध लगाया था।
	 
	मद्रास उच्च न्यायालय के हालिया निर्णयों में कहा गया है कि यदि बार मालिक यह साबित कर सकें कि उनका हुक्का ‘हर्बल’ है और उसमें तंबाकू या निकोटिन नहीं मिलाया गया है, तो वे हुक्का परोसना जारी रख सकते हैं।
	 
	बहरहाल, फोरम के सदस्यों का कहना है कि प्रवर्तन अधिकारियों के लिए हजारों दुकानों की निरंतर निगरानी करना बेहद कठिन है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ‘हर्बल’ हुक्का में कोई तंबाकू, निकोटिन या हानिकारक पदार्थ नहीं मिलाया गया है।
	 
	टीएनपीएफटीसी के राज्य संयोजक एस सिरिल अलेक्जेंडर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम मद्रास उच्च न्यायालय के हाल के मौखिक निर्देश से बेहद चिंतित हैं, जिसमें राज्य सरकार से तथाकथित ‘हर्बल’ हुक्का के उपयोग की अनुमति देने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का अनुरोध किया गया है।’’
	 
	उन्होंने कहा कि हर्बल और तंबाकू हुक्का के बीच कथित अंतर एक मिथक है। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों ही धूम्रपान संस्कृति को बढ़ावा देते हैं और निकोटिन के इस्तेमाल का रास्ता खोलते हैं।’’