संभल. संभल के जामा मस्जिद विवाद के संबंध में शुक्रवार को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मुस्लिम पक्ष ने स्वागत किया है. मुस्लिम पक्ष के वकील सुलेमान खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला संभल व देश में अमन-चैन के पक्ष में है. यह फैसला जामा मस्जिद कमेटी की बहुत बड़ी जीत है.
इसके पहले शुक्रवार को संभल मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्ष के वकील सुलेमान खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत ही महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश दिया है. कोर्ट ने जिला प्रशासन को संभल में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए फिलहाल अदालत के समक्ष लंबित मुकदमे में कार्यवाही पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने जिला प्रशासन को शांति कमेटियों के गठन का भी निर्देश दिया. ये कमेटियां दोनों समुदायों के संभ्रांत जनों को मिलाकर गठित की जाएंगी और संभल में शांति-व्यवस्था कायम रखने में अपना योगदान देंगी.
सुलेमान खान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब तक जामा मस्जिद कमेटी 19 दिसंबर 2024 के फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं देती है, तब तक संभल में सिविल कोर्ट में यह मामला स्थगित रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने संभल की ट्रायल कोर्ट से कहा है कि वह वहां मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण से जुड़े मामले में कोई आदेश पारित न करे. अदालत ने कोर्ट कमिश्नर के सर्वे रिपोर्ट को भी अगले आदेश तक सीलबंद रखने और सार्वजनिक न करने के लिए भी कहा है.
वकील सुलेमान खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश से हमें काफी राहत मिला है. कोर्ट ने हमारी दलीलों को स्वीकार करते हुए शांति सद्भाव बनाए रखने के लिए उपरोक्त फैसला दिया है. इससे मुस्लिम पक्ष संतुष्ट है. हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारे साथ न्याय होगा.