नई दिल्ली
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी. आर. गवई ने गुरुवार को कहा कि बड़े कॉरपोरेट और छोटे कारोबारों, विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के बीच मध्यस्थता (Arbitration) में समान अवसर सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्य न्यायाधीश "दिल्ली आर्बिट्रेशन वीकेंड" के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि भारत धीरे-धीरे वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी मध्यस्थता केंद्र के रूप में परिपक्व और विकसित हो रहा है।
सीजेआई गवई ने कहा, “एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है—यह सुनिश्चित करना कि बड़े कॉरपोरेशनों और छोटे व्यवसायों, खासकर MSMEs, के बीच मध्यस्थता में समान अवसर उपलब्ध हों। यद्यपि विधायी और नीतिगत पहलें सराहनीय रही हैं, लेकिन यह ज़रूरी है कि उन्हें तेज़ी से लागू किया जाए ताकि सभी हितधारकों को उसका लाभ मिल सके।”
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मध्यस्थता की पूरी क्षमता एक व्यावसायिक दक्षता के उपकरण के रूप में सामने आएगी, न कि यह लंबे विवादों का कारण बने।
इस अवसर पर दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और ऑस्ट्रेलिया हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस स्टीफन गेज़लर भी मंच पर उपस्थित रहे।