धर्म परिवर्तन और फंडिंग के आरोप में राजस्थान के व्यक्ति पर ईडी की छापेमारी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 18-09-2025
ED raids the residence of a man in Rajasthan on charges of religious conversion and funding.
ED raids the residence of a man in Rajasthan on charges of religious conversion and funding.

 

नई दिल्ली

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बताया कि उसने राजस्थान में रहने वाले एक व्यक्ति पर छापेमारी की है, जिसे जमीयत अहले हदीस (JAH) का "अमीर" बताया गया है। यह कार्रवाई उसके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत हुई है, जिसमें आरोप है कि उसने अवैध धार्मिक परिवर्तन करवाए और कुछ एनजीओ को कट्टरपंथी व धार्मिक गतिविधियों के लिए फंडिंग की।

ईडी के अनुसार, बुधवार को बीकानेर में चार स्थानों पर छापेमारी की गई, जो मोहम्मद सदीक़ खान और उसके करीबी सहयोगियों से जुड़े हुए थे। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई।

यह मामला जनवरी 2022 में बीकानेर (कोटगेट थाना) पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है।

एजेंसी ने कहा कि खान हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में शामिल था। उसके खिलाफ जानकारी मिली थी कि वह अवैध धार्मिक परिवर्तन कराने के साथ-साथ ऐसी गतिविधियों में लिप्त था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती हैं।

ईडी ने आरोप लगाया कि खान एक आतंकी संगठन का समर्थक हो सकता है और उसने कुछ एनजीओ को आर्थिक मदद दी, जो धार्मिक और कट्टरपंथी एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं।

छापेमारी के दौरान यह भी पाया गया कि खान अलफुर्कान एजुकेशनल ट्रस्ट का अध्यक्ष था, जो मस्जिद-ए-आयशा ट्रस्ट का संचालन भी करता था।

एजेंसी के अनुसार, खान के लगभग 20 बैंक खातों में भारी मात्रा में नकद जमा किए गए थे, जिनमें इन ट्रस्टों के खाते भी शामिल हैं। ये सभी खाते उसी के नियंत्रण में संचालित किए जा रहे थे। इन जमाओं के स्रोत के बारे में कोई संतोषजनक जानकारी नहीं दी गई और इन्हें संदिग्ध माना गया।

ईडी ने कहा कि भले ही खान की अपनी कोई वैध और बड़ी आमदनी नहीं थी, फिर भी उसने पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश, ईरान, ओमान, नेपाल, क़तर समेत कई देशों की यात्राएँ कीं और लंबे समय तक वहाँ ठहरा।

छापेमारी में यह भी सामने आया कि खान ने बांग्लादेश स्थित एक एनजीओ को आर्थिक मदद दी थी। उसके डिजिटल रिकॉर्ड में ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वह सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथी और भड़काऊ सामग्री प्रसारित करता था।

एजेंसी ने दावा किया कि तलाशी के दौरान कुछ ऐसे वीडियो भी मिले, जिनमें इज़रायली झंडे को जलाते हुए दिखाया गया है। ईडी के अनुसार, यह वीडियो सहानुभूति जुटाने और अवैध गतिविधियों के लिए फंड इकट्ठा करने के उद्देश्य से बनाए गए थे।