आतंकवाद से प्रभावित परिवारों की चिंताओं को दूर करने के लिए विशेष प्रकोष्ठ : मनोज सिन्हा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 01-07-2025
Special cell to address concerns of families affected by terrorism : Manoj Sinha
Special cell to address concerns of families affected by terrorism : Manoj Sinha

 

श्रीनगर 

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के पीड़ितों के परिजनों की चिंताओं को दूर करने और अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए उपराज्यपाल सचिवालय में एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा और टोल फ्री नंबर की भी सुविधा मिलेगी।
 
पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा मारे गए लोगों के परिजनों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
 
बैठक में उन्होंने उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को उन मामलों को फिर से खोलने का निर्देश दिया, जिन्हें जानबूझकर दबा दिया गया था।
 
यह पहल ऐसे समय में की गई है जब सिन्हा ने आतंकवादी हमलों में मारे गए कुछ कश्मीरी नागरिकों के परिजनों से कुछ दिन पहले मुलाकात की थी और कहा था कि 2019 से पहले दशकों तक आतंकवाद के पीड़ितों को न्याय से वंचित रखा गया।
 
सिन्हा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘परिजनों की चिंताओं को दूर करने के लिए उपराज्यपाल सचिवालय में विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा। मुख्य सचिव कार्यालय में भी इसी तरह का प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा। आतंकवाद के पीड़ितों के परिजनों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी और कई दशकों से खुलेआम घूम रहे अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।’’
 
सिन्हा ने कहा कि आतंकवाद पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए एक ‘टोल-फ्री नंबर’ भी अधिसूचित किया जाएगा।
 
सिन्हा ने कहा, ‘‘विभिन्न इलाकों के उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे जानबूझकर दबा दिए गए मामलों को फिर से खोलें और प्राथमिकी दर्ज करें तथा यह सुनिश्चित करें कि प्राथमिकता के आधार पर पीड़ितों के करीबी रिश्तेदारों को नौकरी दी जाए।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों या उनके समर्थकों द्वारा पीड़ितों के परिजनों की हड़पी गई संपत्ति को भी मुक्त करवाना है, इस संबंध में भी निर्देश दिए गए हैं। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह उन तत्वों की पहचान करें जो आम कश्मीरियों की हत्या में शामिल थे और वर्तमान में सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं।’’
 
सिन्हा ने रविवार को कहा, ‘‘पाकिस्तानी समर्थित आतंकवादियों द्वारा बेरहमी से मारे गए कश्मीरी नागरिकों के परिजनों से आज मुलाकात की। दशकों तक उन्हें हाशिए पर रखा गया और उनकी आवाज नहीं सुनी गई तथा उन्हें न्याय से वंचित किया गया। उनके दर्द को नजरअंदाज किया गया।’’
 
उन्होंने कहा था कि इससे सैकड़ों परिवारों को यह कहने की हिम्मत मिली है कि उनके प्रियजनों की हत्या पाकिस्तानी आतंकवादियों ने की थी।