हाकिम सैयद जिया-उल-हसन यूनानी महाविद्यालय में बुजुर्गों में बढ़ती बीमारी पर कार्यशाला

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 28-06-2022
हाकिम सैयद जिया-उल-हसन शासकीय यूनानी महाविद्यालय में बुजुर्गों में बढ़ती बीमारी और उपचार  पर छह दिवसीय यूनानी कार्यशाला
हाकिम सैयद जिया-उल-हसन शासकीय यूनानी महाविद्यालय में बुजुर्गों में बढ़ती बीमारी और उपचार पर छह दिवसीय यूनानी कार्यशाला

 

गुलाम कादिर /भोपाल 
 
हाकिम सैयद जिया-उल-हसन शासकीय यूनानी महाविद्यालय ने भोपाल में तदाबीर माशायख पर छह दिवसीय यूनानी कार्यशाला का आयोजन किया. छह दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में, चिकित्सा विशेषज्ञों ने नई पीढ़ी के लिए बुजुर्गों में बढ़ती बीमारी, उपचार और उपचार पर अपने अनुभव प्रस्तुत किए.

उद्घाटन सत्र के अलावा छह दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के पहले दिन दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसमें चिकित्सा विशेषज्ञों ने तदबीर माशायख पर नए शोध प्रस्तुत किए और इसे प्रभावी ढंग से कैसे लागू किया जाए, इस पर अपने विचार रखे.
 
आयुष मंत्रालय, मध्य प्रदेश आयुष विभाग, भारत सरकार के तत्वावधान में, हाकिम सैयद जिया-उल-हसन शासकीय यूनानी महाविद्यालय, भोपाल की प्राचार्य प्रो. महमूदा बेगम ने इसके अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम के उद्देश्यों और उद्देश्यों पर बात की.
 
हकीम मुहम्मद आजम खान सभागार में सीएमई ने कार्यक्रम के उद्देश्यों और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला. प्रो. महमूदा बेगम ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य मेडिकल छात्रों को तदबीर मशाख के क्षेत्र में उभर रहे नए शोध से परिचित कराना है. उम्मीद है कि छह दिवसीय कार्यशाला में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा की गई टिप्पणियों का उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वालों द्वारा किया जाएगा.
 
सीएमई के तहत तदाबीर मशायख पर छह दिवसीय कार्यशाला में प्रख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ प्रो इफ्तिखार अहमद ने कहा कि ग्रीक चिकित्सा में आधुनिक शोध के प्रभावी परिणाम सामने आ रहे हैं और देश और विदेश में ग्रीक चिकित्सा का चलन तेजी से बढ़ रहा है.
 
यहां छह दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञ केस स्टडी के माध्यम से न केवल बुजुर्गों को बीमारी और उसके उपचार के बारे में बताएंगे, यह भी बताएंगे कि कैसे बुजुर्गों को बीमारियों से बचाया जा सकता है. एहतियाती उपायों से उनकी उम्र बढ़ाई जा सकती है.
 
सीएमएचओ भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने आयुष विभाग की देखरेख में हाकिम सैयद जिया-उल-हसन ग्रीक कॉलेज में बुजुर्गों को होने वाली बीमारी को लेकर आयोजित छह दिवसीय कार्यशाला को समय की जरूरत बताया. उन्हांेने खाने-पीने से संबंधित सावधानियांें का जिक्र किया. यह जानना जरूरी है कि कब खाना है और कितना इस्तेमाल करना है.
 
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश से छह दिवसीय कार्यशाला में शामिल हुए डॉ. अब्दुल बारी ने कहा कि यह कार्यक्रम चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. आयुष विभाग के उप निदेशक डॉ. फारूक अहमद ने कहा कि ग्रीक चिकित्सा का महत्व और जिस तरह से प्रभावकारिता बढ़ रही है,
 
उससे यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए भी चुनौतियां बढ़ गई हैं. छह दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य उन लोगों को भी परिचित कराना है जो दूर-दराज के क्षेत्रों में यूनानी चिकित्सा का अभ्यास कर रहे हैं और बुजुर्गों द्वारा बरती जाने वाली बीमारियों, उपचारों और सावधानियों से परिचित हो सकें.
 
 
 
उन्होंने कहा, मैं आशा करता हूं कि इस छह दिवसीय कार्यशाला से जो कुछ निकलकर आएगा वह तदबीर मशाख के क्षेत्र में काम करने वालों द्वारा बुजुर्गों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर नई रोशनी डालेगा.