समय रैना की दिव्यांगजनों पर की गई टिप्पणी "चिंताजनक": सुप्रीम कोर्ट

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-07-2025
Samay Raina's comments on differently-abled people are
Samay Raina's comments on differently-abled people are "worrisome": Supreme Court

 

नई दिल्ली:

स्टैंडअप कॉमेडियन समय रैना और अन्य हास्य कलाकारों द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों और दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों पर की गई टिप्पणियों को "चिंताजनक" बताते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह "व्यक्तिगत आचरण की गहराई से जांच करेगा"।

मंगलवार को CURE SMA (स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी) फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए, जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्य बागची की पीठ ने समय रैना समेत अन्य स्टैंडअप कॉमिक्स को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्हें तीन हफ्ते बाद होने वाली अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने को भी कहा।

फाउंडेशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने दलील दी कि समय रैना और अन्य कॉमिक्स द्वारा दिव्यांगजनों का मज़ाक उड़ाने के लिए उपयोग किए गए आपत्तिजनक शब्द और भाव दरअसल "हेट स्पीच" (घृणा फैलाने वाले भाषण) के दायरे में आते हैं, और इन्हें संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने इन टिप्पणियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया और कहा कि इस तरह की अशिष्ट एवं असंवेदनशील टिप्पणियों पर रोक जरूरी है। अदालत ने हास्य कलाकारों की व्यक्तिगत उपस्थिति को दर्ज करते हुए उन्हें दो हफ्तों के भीतर लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

सोशल मीडिया और ओटीटी पर गाइडलाइंस की जरूरत

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया कि वह सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट रेगुलेशन से संबंधित दिशानिर्देशों को संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप बनाए। अदालत ने कहा कि स्वतंत्रता और नागरिक कर्तव्यों के बीच संतुलन आवश्यक है।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया के विवादास्पद बयान मामले की सुनवाई के दौरान भी केंद्र सरकार से कहा था कि वह भद्दे और आपत्तिजनक कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट गाइडलाइंस बनाए।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा,"गाइडलाइंस ऐसी होनी चाहिए जो संविधान के अनुरूप हों—स्वतंत्रता कहां खत्म होती है और कर्तव्य कहां शुरू होते हैं, इसका संतुलन जरूरी है...हम इस मुद्दे पर सभी पक्षों की राय जानना चाहेंगे।"

पहले भी की थी तलब

गौरतलब है कि 5मई को सुप्रीम कोर्ट ने पांच प्रभावशाली सोशल मीडिया हस्तियों और स्टैंडअप कॉमेडियन्स, जिनमें समय रैना भी शामिल हैं, को दिव्यांगजनों पर की गई आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर तलब किया था।अदालत ने साफ कहा था कि किसी समुदाय या वर्ग को नीचा दिखाने वाला कोई भी भाषण अनुचित है और उस पर रोक लगनी चाहिए।