रूस के रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ की बैठक में सुखोई विमानों के उन्नयन पर चर्चा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 27-06-2025
Rajnath's meeting with Russian Defense Minister discussed the upgradation of Sukhoi aircraft
Rajnath's meeting with Russian Defense Minister discussed the upgradation of Sukhoi aircraft

 

नई दिल्ली

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के चिंगदाओ शहर में अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें भारत के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के बेड़े के उन्नयन, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के उत्पादन और एस-400 मिसाइल प्रणालियों की दो खेप की जल्द आपूर्ति पर विशेष चर्चा हुई।

यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के दौरान हुई। भारतीय वायुसेना के पास लगभग 260 सुखोई 30-एमकेआई लड़ाकू विमान हैं, जिन्हें एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत उन्नत बनाने की तैयारी चल रही है। रूस के सुखोई विमानों ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अहम भूमिका निभाई थी।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि राजनाथ सिंह और आंद्रे बेलौसोव ने वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति, सीमा पार आतंकवाद और भारत-रूस के रक्षा सहयोग जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया। रूस के रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को रेखांकित करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत के साथ अपनी एकजुटता जताई।

बैठक में एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति, सुखोई-30 एमकेआई के उन्नयन और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों की खरीद पर विशेष जोर दिया गया। रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह बैठक दोनों देशों के बीच हाल की सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक थी, जो ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में हुई।

राजनाथ सिंह ने रूस से एस-400 ट्रायम्फ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की बची हुई दो इकाइयों की आपूर्ति में तेजी लाने का आग्रह किया। रूस पहले ही 5.5 अरब डॉलर के सौदे के तहत भारत को इस प्रणाली की तीन इकाइयां उपलब्ध करा चुका है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद, 7 से 10 मई तक पाकिस्तान के साथ जारी सैन्य संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना ने मिसाइल प्रणालियों का व्यापक उपयोग किया था।

एससीओ सम्मेलन के दौरान, राजनाथ सिंह ने बेलारूस, ताजिकिस्तान और कजाकिस्तान के रक्षा मंत्रियों के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन वार्ताओं में राजनाथ सिंह ने रक्षा सहयोग में निरंतर भागीदारी और तकनीकी सहयोग के नए अवसरों को तलाशने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत द्वारा रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से हो रही प्रगति को भी रेखांकित किया।

साथ ही, उन्होंने अपने समकक्षों को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी भी दी।