नई दिल्ली / रवि बत्रा
गुरुद्वारों के बाहर लंबी कतारें थीं, जहां लोगों को आसानी से ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही थी. कोविड-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन सिलिंडरों को रिफिल भी कर रहे थे. तो श्मशान घाटों पर महामारी की जंग हार चुके लोगों के दर्जनों की संख्या में शव अवशेष रखे हुए थे और चिता की अग्नि में भस्म होने के लिए भी प्रतीक्षा कर रहे थे.
दिल्ली के बॉर्डर से लगे यूपी के इंदिरापुरम गुरुद्वारा से अपने ऑक्सीजन सिलेंडर की वापसी का इंतजार करते लोग
इंदिरापुरम गुरुद्वारा ने ‘ऑक्सीजन लंगर’ शुरू किया है. कोविड संक्रमण के कारण ज्यादातर रोगियों में ऑक्सीजन स्तर कम हो जाता है और तब उन्हें कृत्रिम ऑक्सीजन की आवश्यकता होती हैं. जो लोग घर पर मरीजों के लिए सिलेंडर रिफिल कराना चाहते हैं, वे इसे यहां मुफ्त में ले सकते हैं.
स्वयंसेवक उन मरीजों या तीमारदारों के लिए ऑक्सीजन के सिलेंडर ले जाते हैं, जो अपने निजी या किराए के वाहनों में इंतजार कर रहे होते हैं.
गाजियाबाद में शहीद के शव के अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करते रिश्तेदार और स्वयंसेवक
गाजियाबाद और पूर्वी दिल्ली के श्मशान घाट पर कफन में लिपटे हुए शवों की लंबी कतार लगी थी, जो श्मशान के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे.
गाजियाबाद श्मशान का दृश्य
दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में ऐसे दृश्य आम हैं, जहां कोरोना शव के रिश्तेदारों को दाह संस्कार के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है.
प्रतीक्षा और परिश्रम से थककर गाजियाबाद में अपने रिश्तेदार के शव के अंतिम संस्कार के इंतजार में पीपीई किट पहने एक व्यक्ति बैंच पर सो गया
पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन, गुरु तेग बहादुर अस्पताल के बाहर कोविड रोगियों के आस-पास के रिश्तेदार
सभी फोटोः रवि बत्रा