हिंदुस्तानियत: गरीब रिक्शा चालक ने 25 लाख रुपए से भरा बैग पुलिस को सौंपा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 08-02-2023
हिंदुस्तानियत: गरीब रिक्शा चालक ने 25 लाख रुपए से भरा बैग पुलिस को सौंपा
हिंदुस्तानियत: गरीब रिक्शा चालक ने 25 लाख रुपए से भरा बैग पुलिस को सौंपा

 

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली

 

जमाने की बदमिजाजियां चाहे जितनी बदनाम हो गई हों. मगर ईमानवाले अब भी अपने ईमान पर कायम हैं. जो मेहनत की कमाने और खाने की हिंदुस्तानी रवायत पर अमल कर रहे हैं हैं और हिंदुस्तानियत अपनी इस अना पर आज भी इठलाती है. ऐसा ही एक वाकया गाजियाबाद में पेश आया, जिसमें एक गरीब ई-रिक्शा चालक को बैग में रखे 25 लाख रुपए मिले और उसने उस रकम को थाने में जमा करवा दिया.


चाइल्ड केयर इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर उवेद मुअज्जम ने इस मायने का एक ट्वीट किया है, ‘‘ईमानदारी यकीनन अनमोल है... गाजियाबाद: मिलिए आस मोहम्मद जी से, ये पेशे से ई-रिक्शा चालक हैं, जनाब को नहर किनारे संदिग्ध बैग मिला, खोला, तो उसमे तकरीबन 25 लाख रुपये कैश थे, साहब बैग लेकर थाने पहुँचे और रकम पुलिस को जमा करा दी. बेशक यही ईमान की निशानी है. भारत, हमें आप पर नाज है.’’

 

 

 

मुअज्जम अगले ट्वीट में बताते हैं, ‘‘गाजियाबाद पुलिस ने जनाब आस मुहम्मद साहब को ईमानदारी के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है.’’

 

मामला यह है कि किदवई नगर के रहवासी आस मोहम्मद रोजाना की तरह अपने ई-रिक्शा पर सवारियों को लाने-ले जाने का काम कर रहे थे. जब वे मोदीनगर में यात्रियों को ले जाते समय तिबरा रोड की ओर जा रहे थे, तो उन्हें सड़क पर एक जगह दोपहर दो बजे एक लावारिस बैग मिला. उन्हें आशंका हुई कि उसमें बम जैसी कोई चीज न हो. उन्होंने धड़कते दिल से उस बैग को खोला, तो उनकी आंखें चौंधियां गईं. बैग में 500-500 रुपए के नोटों के 25 लाख रुपए रखे हुए थे. कुछ लम्हों के लिए वे ‘क्या करें और क्या न करें’ की हालत में आ गए.

 

फिर उन्होंने अपने ढंग से बैग के मालिक का पता लगाने की नाकाम कोशिश की. वे बैग लेकर एक दोस्त के घर पहुंचे, जिसने मशविरा दिया कि यह किसी की अमानत है और इसे पुलिस में जमा करवा दिया जाना चाहिए. इसके बाद वे मोदीनगर थाने पहुंचे और उन्हें पुलिस को वह बैग सौंप दिया.


डीसीपी (ग्रामीण) रवि कुमार ने मीडिया को बताया, ‘‘वह मोदीनगर थाने पहुंचे और प्रभारी निरीक्षक को इसकी सूचना दी. जब पुलिस ने बैग की जांच की, तो उन्हें 500 रुपये के नोटों के 50 बंडल मिले, जिनकी कुल कीमत 25 लाख रुपये थी.’’ डीसीपी ने बताया कि वे रिक्शा चालक की ईमानदारी से बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने आला अधिकारियों से मशविरा किया और आस मोहम्मद को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया है.

 

आस मोहम्मद का इस बारे में कहना है कि वो एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और पैसों की अहमियत को बाखूबी जानते हैं. परंतु यह दौलत जिसकी है, उसी को मुबारक हो. हमें मालिक और दे देगा.