नई दिल्ली
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा हुई है और क्षेत्र में अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है।
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और विदेश सचिव विक्रम मिस्री शामिल हुए।
भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम की सहमति
भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को यह निर्णय लिया कि वे भूमि, समुद्र और आकाश में किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी रोक देंगे। इस समझौते की पुष्टि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने दोपहर 3:35 बजे भारतीय DGMO को कॉल किया, जिसके बाद यह सहमति बनी कि भारतीय समयानुसार शाम 5:00 बजे से यह संघर्ष विराम प्रभावी होगा।
इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि 12 मई को दोपहर 12 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ एक बार फिर संपर्क में आएंगे और संघर्ष विराम की स्थिति की समीक्षा करेंगे।
विदेश मंत्री जयशंकर की स्पष्ट चेतावनी: आतंकवाद पर भारत का रुख अडिग
इस बीच विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संदेश में कहा कि संघर्ष विराम के बावजूद भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम रहेगा।
उन्होंने लिखा:"भारत और पाकिस्तान ने आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई है। भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लगातार दृढ़ और अडिग रुख अपनाया है। वह ऐसा करना जारी रखेगा।"
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में यह घटनाक्रम
यह संघर्ष विराम ऐसे समय में हुआ है जब भारत ने 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत बड़ी सैन्य कार्रवाई की थी। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए पीओके और पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से तोप और ड्रोन से कई उकसावे वाले हमले किए गए, जिससे सीमा पर तनाव और बढ़ गया।
संयुक्त प्रेस वार्ता में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान की कार्रवाइयों को "उकसाने वाली" और "तनाव बढ़ाने वाली" बताया और कहा कि भारत ने इन सभी कदमों का प्रभावी और सटीक जवाब दिया है।