PM Modi inaugurates, lays foundation stone of various development works worth over Rs 5,100 crore in Itanagar
ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में 5,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, उन्होंने सर्वशक्तिमान डोनयी पोलो के प्रति श्रद्धा व्यक्त की और सभी के लिए आशीर्वाद की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि हेलीपैड से मैदान तक का सफर, रास्ते में अनगिनत लोगों से मिलना और बच्चों व युवाओं को राष्ट्रीय ध्वज थामे देखना, अरुणाचल प्रदेश के गर्मजोशी भरे आतिथ्य से उन्हें गर्व से भर गया।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अरुणाचल न केवल उगते सूरज की भूमि है, बल्कि उत्कट देशभक्ति की भूमि भी है। जिस प्रकार राष्ट्रीय ध्वज का पहला रंग केसरिया होता है, उसी प्रकार अरुणाचल की आत्मा भी केसरिया से शुरू होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अरुणाचल का प्रत्येक व्यक्ति वीरता और सादगी का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने राज्य के प्रति अपने गहरे स्नेह का इजहार करते हुए कहा कि हर यात्रा उन्हें अपार खुशी देती है और लोगों के साथ बिताया गया हर पल यादगार होता है। उन्होंने अपने प्रति दिखाए गए प्रेम और स्नेह को एक बड़ा सम्मान बताया।
"तवांग मठ से लेकर नामसाई के स्वर्णिम पैगोडा तक, अरुणाचल प्रदेश शांति और संस्कृति के संगम का प्रतीक है", प्रधानमंत्री ने इस भूमि को नमन करते हुए इसे भारत का गौरव बताया। अरुणाचल प्रदेश की अपनी आज की यात्रा को तीन अलग-अलग कारणों से विशेष बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पहला, नवरात्रि के पावन प्रथम दिवस पर, उन्हें सुंदर पर्वत श्रृंखलाओं के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि इस दिन भक्त हिमालय की पुत्री माँ शैलपुत्री की पूजा करते हैं।
दूसरा, उन्होंने देश भर में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के कार्यान्वयन और जीएसटी बचत महोत्सव के शुभारंभ की घोषणा की। श्री मोदी ने कहा कि त्योहारों के मौसम में नागरिकों को दोहरा लाभ मिला है। तीसरा, उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में बिजली, कनेक्टिविटी, पर्यटन और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई विकास परियोजनाओं के उद्घाटन पर ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केंद्र और राज्य सरकारों के दोहरे लाभ को दर्शाता है और उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए अरुणाचल प्रदेश के लोगों को हार्दिक बधाई दी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी बचत महोत्सव भारत के लोगों के लिए खुशी, समृद्धि और सफलता लेकर आएगा। उन्होंने उल्लेख किया कि अरुणाचल प्रदेश सूर्य की किरणें सबसे पहले प्राप्त करने वाला राज्य है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तेज़ विकास की किरणें इस क्षेत्र तक पहुँचने में कई दशक लग गए। उन्होंने 2014 से पहले कई बार अरुणाचल की अपनी यात्रा और वहाँ के लोगों के बीच बिताए समय को याद करते हुए कहा कि इस राज्य को प्रकृति का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त है - अपनी भूमि, मेहनती नागरिकों और अपार संभावनाओं के साथ।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन खूबियों के बावजूद, पहले दिल्ली से शासन करने वालों ने अरुणाचल की लगातार उपेक्षा की। उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों की इस सोच के लिए आलोचना की कि कम आबादी और केवल दो लोकसभा सीटों वाले अरुणाचल पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस दृष्टिकोण ने अरुणाचल और पूरे पूर्वोत्तर को बहुत नुकसान पहुँचाया, जो विकास की यात्रा में बहुत पीछे छूट गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में राष्ट्र की सेवा करने का अवसर मिलने पर, उन्होंने देश को पिछली सरकार की सोच से मुक्त करने का संकल्प लिया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनकी सरकार की मार्गदर्शक प्रेरणा किसी राज्य में वोटों या सीटों की संख्या नहीं, बल्कि "राष्ट्र प्रथम" का सिद्धांत है। उन्होंने सरकार के मूल मंत्र - 'नागरिक देवोभव' को दोहराया।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पूर्वोत्तर, जिसे विपक्षी शासन के दौरान उपेक्षित रखा गया था, 2014 के बाद विकास प्राथमिकताओं का केंद्र बन गया। क्षेत्र के विकास के लिए बजट में कई गुना वृद्धि की गई और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी और वितरण को हमारे प्रशासन की पहचान बनाया गया। उन्होंने आगे ज़ोर देकर कहा कि शासन अब दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा; अधिकारियों और मंत्रियों को नियमित रूप से पूर्वोत्तर का दौरा करना और वहाँ रहना होगा।
प्रधानमंत्री ने ईटानगर में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी। हीओ जलविद्युत परियोजना (240 मेगावाट) और तातो-I जलविद्युत परियोजना (186 मेगावाट) अरुणाचल प्रदेश के सियोम उप-बेसिन में विकसित की जाएँगी। प्रधानमंत्री मोदी ने तवांग में एक अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर की भी आधारशिला रखी। सीमांत जिले तवांग में 9,820 फीट से अधिक की ऊँचाई पर स्थित यह केंद्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, सांस्कृतिक उत्सवों और प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा के रूप में कार्य करेगा।
प्रधानमंत्री ने 1,290 करोड़ रुपये से अधिक की कई प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया, जो कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, अग्नि सुरक्षा, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों सहित विभिन्न क्षेत्रों को लाभान्वित करेंगी। इन पहलों से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलने, जीवन स्तर में सुधार और कनेक्टिविटी में वृद्धि होने की उम्मीद है।