नई दिल्ली
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रूस के आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम रेशेत्निकोव के साथ एक “उत्पादक और महत्वपूर्ण” बैठक की, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार साझेदारी को गहरा करने और नई संभावनाओं को उभारने पर विस्तृत चर्चा हुई।
गोयल ने X पर पोस्ट कर बताया:
“रूस के आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम रेशेत्निकोव के साथ अत्यंत उत्पादक बैठक हुई। खाद्य और कृषि, फार्मा, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल सहित कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई। दोनों देश आर्थिक विकास की नई संभावनाओं को मिलकर आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
गुरुवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का पालम एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेता एयरपोर्ट से पीएम के लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास तक एक ही वाहन में साथ गए—जो भारत–रूस की रणनीतिक साझेदारी और व्यक्तिगत समीपता का प्रतीक माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को रूसी भाषा में भगवद् गीता की प्रति भी भेंट की और कहा कि यह ग्रंथ दुनिया भर में करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
चार साल बाद भारत आए पुतिन 5 दिसंबर तक देश में रहेंगे और अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ 23वाँ भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन भी करेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की यह यात्रा रक्षा, व्यापार, विज्ञान–प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक–मानवीय सहयोग को नए आयाम देने वाली है।
पूर्व भारतीय राजनयिक वीना सिकरी ने ANI को बताया:
“सबसे बड़ा विषय रक्षा सहयोग होगा। ऑपरेशन सिंदूर में भारत–रूस की संयुक्त परियोजना ब्रह्मोस मिसाइल और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति पुतिन तकनीक हस्तांतरण के लिए भी तैयार हैं, यह बेहद अहम मुद्दा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत को रूस (पूर्व सोवियत संघ) में अपने निर्यात बढ़ाने पर भी ध्यान देना होगा।
विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने पुतिन की यात्रा को “वैश्विक बदलावों के दौर में अत्यंत महत्वपूर्ण” बताया।
उन्होंने कहा:
“आज दुनिया में पुरानी विश्व व्यवस्था टूट रही है और नई व्यवस्था आकार ले रही है। इस माहौल में भारत–रूस की यह मुलाकात रणनीतिक रूप से बहुत अहम है। पश्चिमी दबावों के बावजूद दोनों नेता मिल रहे हैं, यह दर्शाता है कि दोनों देश अपने संबंधों को गहरा करने के लिए दृढ़ हैं।”
सचदेव ने संकेत दिया कि भारत S-400 की अतिरिक्त यूनिटें खरीद सकता है और भविष्य में S-500 प्रणाली पर भी वार्ता संभव है। उन्होंने ब्रह्मोस के उन्नत संस्करण सहित अन्य रक्षा समझौतों की भी संभावना जताई।
विशेषज्ञों के अनुसार—
परमाणु सहयोग
ऊर्जा साझेदारी
रक्षा समझौते
इस शिखर सम्मेलन के प्रमुख स्तंभ रहेंगे।
सचदेव ने कहा कि पुतिन इस यात्रा पर अपने साथ सात मंत्री लेकर आए हैं, जो इस बात का संकेत है कि दोनों देश अपने संबंधों को कई आयामों में विस्तारित करना चाहते हैं—सांस्कृतिक सहयोग से लेकर रणनीतिक साझेदारी तक।